डॉक्टर-प्रोफेसर नहीं मिलने की यह है वजह
निजी अस्पतालों, कॉलेजों में अच्छा वेतन मिलना।
दूसरे जिलों की तुलना में रायपुर में बच्चे की शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल होना।
सुरक्षित महसूस न करना।
रायपुर मेडिकल कॉलेज में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस से अच्छी आमदनी होना।
निजी अस्पतालों, कॉलेजों में अच्छा वेतन मिलना।
दूसरे जिलों की तुलना में रायपुर में बच्चे की शिक्षा के लिए अच्छे स्कूल होना।
सुरक्षित महसूस न करना।
रायपुर मेडिकल कॉलेज में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस से अच्छी आमदनी होना।
मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मानिक चटर्जी ने बताया कि देखिए, आज सबसे ज्यादा कमी एसआर-जेआर की है। आज आपने पीजी की छात्रवृत्ति बढ़ दी, जो एसआर से अधिक हो चुकी है। कॉलेजों में एसआर-जेआर न होने की वजह से संबद्धता में मुश्किल आती है। जब तक आप अच्छे पैकेज नहीं दोगे तो डॉक्टर क्यों आएंगे? उनके पास तो निजी कॉलेजों, अस्पतालों के विकल्प हैं। सरकारी सैलरी स्ट्रक्टर में बदलाव करने की सख्त जरुरत है। विभाग को इसके बारे में सोचना चाहिए।
चिकित्सा शिक्षा के संचालक डॉ. एसएल आदिले ने बताया कि प्राध्यापकों, डॉक्टरों के बढ़े हुए वेतन का प्रस्ताव तो है लेकिन अभी बजट नहीं मिला है। जब तक बजट नहीं मिल जाता, तब तक पुराने पैकेज पर ही नियुक्तियां दी जाएंगी। समस्या तो है।