गौरतलब है कि लॉकडाउन 3 के दौरान से ही छत्तीसगढ़ सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के मजदूरों की वापसी का प्लान बनाना शुरू कर दिया था। इसे लेकर गुजरात, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों की सरकारों से संपर्क साधा गया और केंद्र सरकार से मजदूर स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग की गई। इधर, सभी जिला कलेक्टर को निर्देशित कर दिया गया था कि वे अपने-अपने जिलों में, ब्लॉक स्तर तक क्वारंटाइन सेंटर बनाएं। क्योंकि मजदूरों की उनके गांव के नजदीक ही रखा जाएगा।
गांव-गांव में दिख रही जागरुकता- कोरोना वायरस को लेकर भले ही शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग लापरवाही बरत रहें हों, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग जागरूक हैं। कई गांव तो ऐसे हैं जहां गांव बाहरी के आने और गांव के लोगों के बाहर जाने तक पर प्रतिबंध लगा रखा है। पंचायत के सदस्य खुद निगरानी रख रहे हैं। क्वारंटाइन से लौटने वाले ग्रामीण स्वयं से १० दिन घर में रह रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर कहा कि हमारे लिए अत्यंत गर्व की बात है कि हमारे द्वारा उठाए गए ठोस कदमों के कारण छत्तीसगढ़ के ४.५ लाख प्रवासी भाई-बहन अपने घर क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर लौट चुके हैं। जो बचे हैं, वे भी शीर्ष डिस्चार्ज हो जाएंगे।