scriptएम्स में हर सप्ताह पहुंच रहे 40 से 50 ग्लूकोमा के मरीज | 40 to 50 glaucoma patients arriving in AIIMS every week | Patrika News

एम्स में हर सप्ताह पहुंच रहे 40 से 50 ग्लूकोमा के मरीज

locationरायपुरPublished: Mar 13, 2020 11:16:08 pm

Submitted by:

abhishek rai

आंखों की नियमित जांच से रोक सकते हैं दुष्प्रभाव, बढ़ता रक्तचाप और मधुमेह से ग्लूकोमा की संभावना अधिक

एम्स में हर सप्ताह पहुंच रहे 40 से 50 ग्लूकोमा के मरीज

एम्स में हर सप्ताह पहुंच रहे 40 से 50 ग्लूकोमा के मरीज

रायपुर. राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्रति सप्ताह ४० से ५० ग्लूकोमा (काला मोतिया) के मरीज पहुंच रहे हैं। एम्स के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में छत्तीसगढ़ समेत सीमा से सटे राज्य ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट व उत्तरप्रदेश से लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। युवाओं की तुलना में अधिक उम्र के लोगों में यह ज्यादा असर दिखा रही है। ग्लूकोमा के प्रभाव से बाहरी दृष्टि में कमी आ जाती है, परिधीय दृष्टि कमजोर हो जाती हैं, लाइट के चारों तरफ इंद्रधनुष रंगों जैसा दिखाई देता है और बार-बार चश्मे का नंबर बदलता रहता है। यदि इन लक्षणों की शुरूआत में ही पहचान कर नेत्रों की नियमित जांच करवा ली जाए तो इससे ग्लूकोमा से बचा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लूकोमा की बीमारी छत्तीसगढ़ में अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। रक्तचाप की बीमारी और मधुमेह के प्रभाव से ग्लूकोमा होने का ज्यादा खतरा रहता है। यदि ग्लूकोमा को नजरअंदाज किया जाए तो इससे नेत्रों में आंतरिक दबाव बढ़ जाता है, जिससे नेत्रों को क्षति पहुंच सकती है और सही उपचार न होने पर अंधत्व तक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आंखों में किसी प्रकार की चोट, सूजन और स्टिरयॉड के अधिक प्रयोग से भी ग्लूकोमा संभव है।
इलाज की सारी सुविधा उपलब्ध

एम्स प्रबंधन का दावा है कि ग्लूकोमा के इलाज के लिए नेत्र विभाग में प्रत्येक प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। विभाग में टोनोमेट्री, ऑप्थल्लोस्कोपी, गोनियोस्कोपी और पेरिमेट्री की अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं। ८ मार्च से जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें जागरुकता पोस्टर के माध्यम से रोगियों को ग्लूकोमा के दुष्प्रभाव से बचने की सलाह दी जा रही है।
ओपीडी में नियमित रूप से ग्लूकोमा के रोगी पहुंच रहे हैं। चुनौती का मुकाबला करने के लिए निरंतर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। आंखों की नियमित जांच से ग्लूकोमा के दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है।
डॉ. सोमेन मिश्रा, विभागाध्यक्ष, नेत्र रोग विभाग, एम्स
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो