विगत कई वर्षों से शासन-प्रशासन के लेटलतीफी के चलते मामले का निराकरण नहीं हो सका। केवल सर्वे, नक्शा और बटांकन दुरुस्त करने के नाम पर ही न्यू स्वागत विहार का मसला उलझा रहा। अब नई सरकार बनने के बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और राजस्व विभाग रिकॉर्ड दुरुस्त कराने में दिलचस्पी दिखाना शुरू किया।
इस मामले को लेकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अफसरों ने अब तक हुए सर्वे और बटांकन की रिपोर्ट तलब की है। न्यू स्वागत विहार के दायरे में तीन गांवों की जमीन शामिल की गई है, जिसमें बोरियाकला, सेजबहार और डूडा गांव शामिल हैं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने बिल्डर के इस कॉलोनी के कुल आठ लेआउट पास किए, जिसमें 25 एकड़ सरकारी जमीन भी शामिल थी। पांच साल पहले जब इस पूरे मामले की हाईपॉवर कमेटी द्वारा जांच की गई तो पूरा माजरा सामने आया। लेकिन तब तक हजारों लोग न्यू स्वागत विहार में प्लाट खरीद चुके थे। ऐसे लोगों का आंकड़ा पांच हजार से अधिक है। जिन्हें उस जगह पर मालिकाना हक नहीं मिला।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संयुक्त संचालक विनीत नायर ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्व अमले की ड्यूटी लगी हुई थी। इस वजह से सर्वे और बटांकन की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाई है। इस प्रक्रिया को पूरा कर तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी गई है।
बटांकन नहीं होने से उलझा मामला
सरकारी मिलीभगत से हुई गफलत में फंसे पीडि़तों की याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा शासन को लेआउट संशोधन कर पीडि़तों की समस्याओं का निराकरण करने का आदेश दिया। इसके बावजूद अभी तक न्यू स्वागत विहार का मामला सर्वे और बटांकन में ही उलझा रहा। समता कॉलोनी निवासी पीडि़त योगेंद्र अग्रवाल का कहना है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और राजस्व विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण लेआउट संशोधन की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं की गई। उनका कहना है कि नई सरकार से न्यू स्वागत विहार के पीडि़तों को न्याय मिलने की काफी उम्मीदें हैं। राजस्व मंत्री तय होते ही पूरे मामले से अवगत कराने का निर्णय पीडि़तों ने लिया है।