आधी रस्मों में हुई शादी कुछ जोड़े शादी की रस्मों के शुरू होने के आधे घंटे बाद पहुंचे तो बहुत सारे जोड़े अपनी वेदी को तलाशते रहे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी सूची के अनुसार मिलान कर रही थी। शुरुआत में 87, 23 और 114 वेदी खाली थी। इस कारण कार्यकर्ताओं की ड्यूटी मौके पर ही बदली गई, जिससे देर से आने वाले जोड़े अपनी वेदी की जगह ढंूढते रहे। विभाग द्वारा 136 विवाह की वेदियां बनाई गई थी, लेकिन बारिश होने के कारण बहुत से जोड़े नहीं आ पाए इसलिए कई वेदी खाली रह गई। [typography_font:14pt;” >रायपुर. बारिश की आशंका के बीच मंगलवार को राजधानी में मौसम खुला रहा। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में पहले 518 दुल्हनों ने एनीमिया की जांच कराई, इसके बाद विवाह के सात फेरे लिए। 512 जोडों को गायत्री परिवार द्वारा वैदिक रीति रिवाज से दाम्पत्य जीवन में प्रवेश कराया गया। 3 जोड़ों को मौलवी ने और 3 जोड़ों को पादरी ने विवाह के संस्कार पूरे कराए। सामूहिक विवाह तय मुहूर्त से 2 घंटे विलंब से शुरू हुआ। दोपहर 12 बजे मुस्लिम और ईसाई जोड़े के विवाह संस्कार हुए और उसके बाद डेढ़ बजे से बाकी बचे जोड़ों को गायत्री परिवार द्वारा विवाह की रस्में पूरी कराई गई। विवाह के लिए 550 जोड़ों की सूची बनी थी, दो दिनों से हो रही बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग समय पर नहीं पहुंच पाए। कुपोषण और कन्या भ्रूण हत्या रोकने की दिलाई शपथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कन्या विवाह समारोह में सभी नव दंपत्तियों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने सात वचनों के साथ कुपोषण और कन्या भ्रूण हत्या रोकने की शपथ दिलाई। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, अनिता योगेन्द्र शर्मा, संगीता सिन्हा, शकुंतला साहू, ममता चन्द्राकर, रश्मि सिंह, पूर्व महापौर किरणमयी नायक, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी सहित बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी और बर-वधु के परिजन एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।