रायपुर जिले में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें दूसरे जिलों और पड़ोसी राज्यों से अतिगंभीर स्थिति में रेफर किए जा रहे मरीज भी शामिल हैं। ऐसे में शवों का सुरक्षित दाह संस्कार सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। शवों से किसी को भी संक्रमण न फैले, इसलिए जरूरी है कि पूरे प्रोटोकॉल के तहत तमाम रीति-रिवाजों को भी ध्यान में रखते हुए उनका दाह संस्कार करना। जिसके लिए जिला प्रशासन और नगर निगम पूरी कवायद में जुटे हुए हैं।
संक्रमण और प्रदूषण दोनों खतरे कम हो जाएंगे नगर निगम के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इलेक्ट्रिक चैंबर में दाह संस्कार की प्रक्रिया से संक्रमण का खतरा शून्य हो जाएगा। सिर्फ शव को चैंबर के अंदर रखना होगा। जो काम एक या दो व्यक्ति भी कर सकते हैं। अभी 6 निगम कर्मियों की टीम इस काम के लिए लगी है। यह मशीन सामान्य तौर पर भी काम आएगी। इससे बिल्कुल प्रदूषण नहीं होगा।
सहयोग की अपील स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और नगर निगम ने नागरिकों से इस विपरीत परिस्थिति में व्यवस्था बनाने में सहयोग की अपील की है। कहा है कि दाह संस्कार की समूची प्रक्रिया में इस बात का पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि आस-पास की बस्तियों और रहवासियों को किसी भी प्रकार का कोई खतरा न रहे।
नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि कोरोना से मरने वालों के शवों का जल्द से जल्द दाह संस्कार हो, इसका पूरा प्रयास जारी है। इलेक्ट्रिक फर्नेस चैंबर के लिए टेंडर निकाल दिया गया है।