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राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार पढ़े खिले लोग ही दबाते हैं नोटा, बस्तर में पड़े 65 हजार नोटा

locationरायपुरPublished: Dec 14, 2018 06:18:03 pm

नोटा नें नारायणपुर में केदार कश्यप, दंतेवाड़ा में देवती कर्मा और कोंडागांव में लता उसेंडी का खेल भी बिगाड़ दिया।

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राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार पढ़े खिले लोग ही दबाते हैं नोटा, बस्तर में पड़े 65 हजार नोटा

जगदलपुर. बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों के करीब 65 हजार लोगों को उनके क्षेत्र से खड़े कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आए। यही नतीजा रहा कि उन्होंने किसी प्रत्याशी को वोट देने के बजाए नोटा (नन ऑफ द अबॉव) का बटन दबाया। आलम यह रहा कि छह जगह तीसरे और चार जगह चौथे स्थान के साथ विधानसभा की सभी सीटों में नोटा ने टॉप 5 प्रत्याशियों में अपनी जगह बनाई। नोटा नें नारायणपुर में केदार कश्यप, दंतेवाड़ा में देवती कर्मा और कोंडागांव में लता उसेंडी का खेल भी बिगाड़ दिया। यानि यदि यह वोट में तब्दील होता तो प्रत्याशियों को इसका कुछ लाभ मिल जाता और वे जीत भी जाते।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो जागरूक, पढ़े-लिखे और युवा लोग ही नोटा का बटन दबाते हैं। वही इसके उलट यहां के सबसे पिछड़े इलाकों में नोटा पर बंपर वोट पड़े। बस्तर के सबसे शहरी और जागरूक माने जाने वाले इलाके जगदलपुर में सबसे कम वोट नोटा में पड़े हैं।

दंतेवाड़ा में नौ हजार तो जगदलपुर में 936 ने नोटा को दी तरजीह
आम तौर पर शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक नोटा पर वोट पडऩे की मान्यता को बस्तर के पिछड़े शहर के लोगों ने बदल दिया। बस्तर में इस मान्यता के उलट शहरी क्षेत्रों में सबसे कम और ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में जमकर नोटा पर बटन दबे। संभाग के मुख्यालय जगदलपुर विधानसभा में 936 वोट पड़े। वहीं सबसे पिछड़े में माने जाने वाले दंतेवाड़ा और चित्रकोट में 9 हजार से अधिक ने तरजीह दी।

विधानसभा नोटा स्थान
कोंटा 4468 4
बीजापुर 4703 3
दंतेवाड़ा 9929 4
चित्रकोट 9824 3
जगदलपुर 936 10
बस्तर 5083 3
नारायणपुर 6858 3
कोंडांगांव 5146 3
केशकाल 6113 3
भानुप्रतापपुर 4235 5
अंतागढ़ 4831 4
कांकेर 3323 4
कुल 65449

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