पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की यादें छत्तीसगढ़ से भी जुड़ी हुई हैं। उन्होंने वर्ष 2007 में विदेश मंत्री रहते हुए राजधानी रायपुर में नवीन पासपोर्ट कार्यालय का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए 6 और 7 नवम्बर 2012 को दो दिवसीय यात्रा के दौरान राज्योत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही उन्होंने नए मंत्रालय परिसर का उद्घाटन, स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर में नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया।
अपनी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुखर्जी ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल जिला नारायणपुर में जनजाति कल्याण विभाग के 500 सीटर छात्रावास और रामकृष्ण मिशन आश्रम के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के भवन की आधारशिला रखी। राष्ट्रपति मुखर्जी 26 जुलाई 2014 को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह और 17 अप्रैल 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में भी शामिल हुए थे।
अजीत जोगी को पता नहीं था, उसमें क्या है। उन्होंने वह लिफाफा सीताराम केसरी को लाकर दे दिया। तीन-चार दिनों बाद अजीत जोगी कुछ नेताओं के साथ केसरी के पुराना किला स्थित आवास पर बैठे हुए थे। अचानक केसरी यह कहते हुए वहां से निकले कि वे एम्स में भर्ती बिहार के एक नेता को देखने जा रहे हैं। अजीत जोगी आदि को उन्होंने साथ जाने से रोक दिया।
उस दिन केसरी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर समर्थन वापसी का पत्र दे दिया। यह वही लिफाफा था, जिसे प्रणव दा ने अजीत जोगी को दिया था। रेणु याद करती हैं, अजीत जोगी के कांग्रेस से निलंबन के दौरान भी प्रणव मुखर्जी ने उनकी काफी मदद की। वे उन्हें बताते रहते थे, कांग्रेस ने उनको भी तीन साल के लिए निलंबित किया था।