रायपुर जिले में 21 लाख राशनकार्डधारी है। इसमें से 14 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। सभी सरकारी अस्पतालों, चॉइस सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर में आयुष्मान कार्ड निशुल्क बनाया जा रहा है। इसके बाद भी बड़ी आबादी इसे बनवाने को लेकर रुचि नहीं दिखा रही है। इसके अलावा कुछ मामलों में राशनकार्ड में आ रही परेशानी को लेकर भी लोग इसका फायदा नहीं ले पा रहे हैं।
वृद्धाश्रम, बालश्रम के लोग आयुष्मान से वंचित राजधानी के वृद्धाश्रम, बालश्रम सहित इस तरह की कई संस्थाओं में भी बड़ी संख्या में लोग आयुष्मान कार्ड से वंचित हैं। इसमें प्रमुख कारण ऐसे लोगों का राशन कार्ड नहीं बन पाना है। इसके अलावा राशनकार्डधारियों के पास जरूरी दस्तावेज की कमी के कारण भी यह समस्या सामने आ रही है। यह परेशानी भी आयुष्मान कार्ड के टार्गेट को पूरा होने नहीं दे रही है।
कार्ड बनवाने करने होगी यह प्रक्रिया: आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लोगों को आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर अस्पताल, चॉइस सेन्टर, कॉमन सर्विस सेन्टर में जाना होगा। यहां उनका आधार से बायोमेट्रिक आथेंटिकेशन द्वारा बीआईएस, केवाईसी कर पहली बार में पेपर आयुष्मान कार्ड दिया जाएगा। इसके बाद में लोगों को निशुल्क प्लास्टिक पीवीसी आयुष्मान कार्ड प्रदान किया जाएगा।
सीएमएचओ रायपुर डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि राशन कार्ड बनने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। लोग अस्पतालों व चॉइस सेँटरों में जाकर इसे निशुल्क बनवा सकते हैं। इसके लिए राशनकार्ड होना जरूरी है। दिक्कत सिर्फ वहीं आ रही है, जिनके पास इससे संबंधित पेपर नहीं है।
इन बीमारियों का करा सकते हैं इलाज आयुष्मान कार्ड में शासकीय व प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती, सर्जरी, प्रोसीजर, जांच एवं थैरेपी से संबंधित समस्त खर्च शामिल रहते हैं। योजना के तहत हार्ट, फेफड़े, यकृत, अग्नाशय, किडनी, न्यूरो सर्जरी, बच्चों की जन्मजात बीमारियां, नवजात, जलने से संबंधी, कैंसर का इलाज, पॉलीट्रामा सहित अन्य जटिल प्रक्रियाएं शामिल हैं। लाभ पात्र परिवार को उनकी पात्रतानुसार 5 लाख एवं 50 हजार तक की स्वास्थ्य सहायता प्रदान की जाएगी। इसका समस्त भुगतान नकद-रहित आधार पर होता है।