शहरी क्षेत्रों में जिस समय सबसे अधिक शादियों का मुहूर्त हुआ करता था, उसी महीने में 15 दिसंबर से 15 अप्रैल के बीच शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा है। पंडितों का कहना है कि इन्हीं महीनों में धनु संक्रांति से लेकर गुरु और शुक्र जैसे ग्रह को अस्त हो रहे है। इसलिए मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त का इंतजार करना होगा। इससे पहले मार्च महीने के आखिरी सप्ताह से कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने के कारण लोगों ने अपने अपने घरों की शादियां कैंसिल कर दिया था, क्योंकि देश में लॉकडाउन।
इस वजह से अप्रैल से जून से महीने में जब ग्रामीण क्षेत्रों में शादी विवाह, उपनयन संस्कार का पीक सीजन होता है, उस समय भी लोग मांगलिक कार्य नहीं कर पाए। अब अनलॉक जैसी स्थितियां बनी तो शुभ मुहूर्त ही नहीं है। जबकि अच्छे कारोबार के लिए बाजारों को भी शुभ मुहूर्त का काफी इंतजार रहता है। बैंडबाजा, फूलबाजार को काफी उम्मीदें रहती हैं।