इनकी निगरानी के लिए 60 शासकीय डॉक्टरों और 100 से अधिक निजी डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। जो 24 घंटे होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को सही इलाज मुहैया करा रहे हैं। अब तक जिले में होम आइसोलेशन में रह रहे 12 हजार लोगों को मेडीसिन किट भी उपलब्ध कराई जा चुकी है। होम आइसोलेशन प्रभारी एडीएम विनीत नंदनवार खुद मरीजों की काउंसिलिंग तक कर रहे हैं। जिनके सहायक नोडल अंजली शर्मा, नोविता सिंन्हा और चंद्रकांत राही सहयोग कर रहे हैं।
प्रशासन की अनुमति जरुरी
अब लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही कोरोना से जंग जीतने के लिए तैयार हैं। एडीएम विनीत नंदनवार का कहना है कि हल्के लक्षण या बिल्कुल लक्षण न होने वाले कोरोना मरीजों को अपने घर पर रहकर ही इलाज करा रहें है। प्रशासन से इसकी अनुमति समय सीमा में दी जाती है।
होती है काउंसिलिंग
होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को काउंसलर के माध्यम से काउसलिंग की जाती है। मरीजों के द्वारा बताई जाने वाली समस्याओं का निदान किया जाता है। होम आइसोलेशन की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम एवं अपातकालीन कक्ष बनाया गया है जोकि 24 घंटे काम कर रहा है।
रायपुर के एडीएम विनीत नंदनवार ने कहा, होम आइसोलेशन शासन के दिशा निर्देशों के अनुरुप कोरोना संक्रमित मरीजों के पर्याप्त उपचार की व्यवस्था की जा रही है। इस सुविधा से लोगों लाभ मिल रहा है। कोविड केयर सेंटर और अस्पतालों का भार कम हुआ है।