जिम्मेदारी- सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, गंध और स्वाद महसूस न होने पर आप स्वयं पहचानें या परिवार के सदस्य इस पर ध्यान दें। इन लक्षणों को सामान्य लक्षण मानने की भूल न करें।
जिम्मेदारी- अब जब समय पर जांच नहीं होगी तो संक्रमण है कि नहीं जानना संभव नहीं है। इसलिए तत्काल कोरोना जांच करवाएं। यह जिम्मेदारी भी परिवार के सदस्यों की है। आस-पड़ोस के लोग भी जागरूक होकर जांच के लिए प्रेरित कर सकते हैं। १०४ पर संदिग्ध की सूचना दे सकते हैं।
जिम्मेदारी- जब तक कोरोना टेस्ट होता है और रिपोर्ट आती है मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। मौत में मरीज, परिजन की लापरवाही तो है ही साथ ही कई मामलों में समय पर इलाज न मिलना यानी शासन-प्रशासन भी जिम्मेदार है। जैसे- एंबुलेंस न मिलना, ऑक्सीजन न मिलना, मरीज को डॉक्टरों द्वारा अस्पताल पहुंचने के बाद भी देखा न जाना।
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डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग