script26 दिन में 865 मौतें, इनमें सिर्फ कोरोना से 333 की जान गई | 865 deaths in 26 days, out of which only 333 died from Corona | Patrika News
रायपुर

26 दिन में 865 मौतें, इनमें सिर्फ कोरोना से 333 की जान गई

ब्लैक अक्टूबर : प्रदेश में अब तक 1,822 लोगों की जा चुकी है जान। छत्तीसगढ़- 1,511 संक्रमित, 1,824 डिस्चार्ज, 4 मौत, रायपुर- 181 संक्रमित, 211 डिस्चार्ज, 1 .प्रदेश में अब तक- कुल मरीज- 1,77,470, एक्टिव- 23,430, डिस्चार्ज- 1,5२,222,मौत- 1,822 .

रायपुरOct 27, 2020 / 12:30 am

CG Desk

Corona Update

Corona Update : 24 घंटे में सामने आए 418 नए कोरोना पॉजिटिव, अब तक 643 ने गवाई जान

रायपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सितंबर के 31 दिनों में 680 मौतें हुईं , लेकिन अक्टूबर में यह आंकड़ा 26 दिनों में ही 865 जा पहुंचा है। यानी हर दिन 33 जानें जा रही हैं। मगर, जब संक्रमण घट रहा है और स्वस्थ होने की दर (रिकवरी रेट) 85 प्रतिशत के ऊपर बना हुआ है, यह आंकड़ा सिस्टम पर सवाल तो खड़े करता ही है। ‘पत्रिका’ पड़ताल में सामने आया कि 865 मृतकों में 333 की मौत की वजह से सिर्फ और सिर्फ कोरोना वायरस ही रहा। इनमें संक्रमित होने के पूर्व कोई बीमारी नहीं थी। एकाएक ये संक्रमित हुए और 2 से 15 दिन में मौत हो गई। यह अलग बात है कि इन आंकड़ों में जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में हुई मौतें की संख्या भी समाहित है। मगर, मौजूदा आंकड़ों पर ही विश्वास किया जाएगा। अब तक प्रदेश में 1,822 लोग इस संक्रमण से अपनी जान गवां चुके हैं। जिनमें डॉक्टर, पुलिस अधिकारी-कर्मचारी, अन्य सरकारी-गैर सरकारी विभागों के अधिकारी, नेता शामिल हैं।
मौत की वजहें

१- संक्रमण की पहचान समय पर न होना।
जिम्मेदारी- सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, गंध और स्वाद महसूस न होने पर आप स्वयं पहचानें या परिवार के सदस्य इस पर ध्यान दें। इन लक्षणों को सामान्य लक्षण मानने की भूल न करें।
२- पहचान नहीं तो उपचार नहीं मिलना
जिम्मेदारी- अब जब समय पर जांच नहीं होगी तो संक्रमण है कि नहीं जानना संभव नहीं है। इसलिए तत्काल कोरोना जांच करवाएं। यह जिम्मेदारी भी परिवार के सदस्यों की है। आस-पड़ोस के लोग भी जागरूक होकर जांच के लिए प्रेरित कर सकते हैं। १०४ पर संदिग्ध की सूचना दे सकते हैं।
३- इलाज में देरी-
जिम्मेदारी- जब तक कोरोना टेस्ट होता है और रिपोर्ट आती है मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। मौत में मरीज, परिजन की लापरवाही तो है ही साथ ही कई मामलों में समय पर इलाज न मिलना यानी शासन-प्रशासन भी जिम्मेदार है। जैसे- एंबुलेंस न मिलना, ऑक्सीजन न मिलना, मरीज को डॉक्टरों द्वारा अस्पताल पहुंचने के बाद भी देखा न जाना।
डेथ ऑडिट पर सीएमएचओ की क्लास

सोमवार को एमडी एनएचएम डॉ. प्रियंका शुक्ला ने प्रदेश के सभी जिला सीएमएचओ की वीडियो कांफे्रसिंग के जरिए बैठक ली। यह बैठक सिर्फ डेथ ऑडिट को लेकर थी। एमडी ने सभी जिलों को समय पर डेथ रिपोर्ट भेजने को कहा। खासकर दुर्ग, जांजगीर चांपा, कोरबा जिलों को। क्यों अन्य जिलों की तुलना में बहुत देरी से रिपोर्ट कर रहे हैं।
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सभी जिलों में कोरोना मरीजों के इलाज के पुख्ता बंदोबस्त हैं। मगर, परेशानी यह है कि लोग गंभीर स्थिति में पहुंचकर जांच करवाने आते हैं। तब तक संक्रमण काफी ज्यादा बढ़ गया होता है।
डॉ. सुभाष पांडेय, प्रवक्ता एवं संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य विभाग
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