यह काम हो रहे है घर से आरटीओ सैलाभ साहू ने बताया कि बीएस-4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन के आवेदन ऑनलाइन ही आए थे, जो लॉकडाउन के दौरान किए गए। लाइसेंस व टैक्स के लिए लोगों ने दिखाई है। जो ऑनलाइन आवेदन किए, सभी का काम किया गया। मजदूरों की लाने ले जाने में जुटा है विभाग लॉक डाउन 4.0 में प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए बसों के इंतजाम की जिम्मेदारी विभाग को दी गई है, जिसमें ज्यादातर कर्मचारी लगाएगए हैं। लेकिन विभाग के प्रशासनिक कामकाज ऑनलाइन होने से अधिकांश काम हो रहे हैं। अब वाहनों के रजिस्ट्रेशन का कार्य भी ऑनलाइन किया जा रहा है। ऑनलाइन होने से लोगों व कर्मचारियों को सुविधा रही है।[typography_font:14pt;” >रायपुर . लॉकडाउन के दौरान आरटीओ में भी शासन के आदेशानुसार 33 फीसदी कर्मचारी ही दफ्तर आते रहे हैं। लेकिन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होने वाले सभी काम होते रहे हैं। कर्मचारी लॉगिन आइडी के सहारे घर से ही ऑनलाइन काम करते रहे। आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन, लाइसेंस रिन्यूवल, टैक्स जमा करने जैसे काम लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए होते रहे हैं। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना फ्रंट लाइनर्स के तौर पर नहीं लगी, वे वर्क फ्रॉम होम कॉन्सेप्ट पर ही काम करते रहे हैं। आरटीओ का 90 फीसदी काम ऑनलाइन किया जा रहा है। यह काम लॉकडाउन के बाद भी अधिकारी कर्मचारी घर से कर सकते हैं। इस तरह से हो रहा है कामघर बैठकर परिवहन विभाग की वेबसाइट परिवहन जीओवी डॉट इन से लर्निग व परमानेंट बनवाया जा रहा है। इसके लिए संबंधित अभ्यर्थी को अपने दस्तावेजों को स्कैन करके दिया जाता है।इसके बाद ऑफिस जाकर टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना होता। सफल अभ्यर्थियों के लाइसेंस वेबसाइट पर अपलोड हो जाएंगे। यहां से लाइसेंस प्रिंट किया जाता है। लर्निग हो या परमानेंट लाइसेंस उसकी फीस जमा करने के लिए भी अलग से कॉलम रहता है। दो पहिया व चार पहिया वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस व टैक्स का भुगतान करने को संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज दिया जाता है। भारी वाहन के डॉक्यूमेंट्स ट्रांसफर की भी होगी फैसिलिटी दी जाती है।