10 नवंबर को सुनवाई
अब इस मामले की अगली सुनवाई १० नवंबर को होगी। इस दौरान आरोपी अफसरों के खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य सहित पूरक चालान पेश किया जाएगा। ईओडब्लू एसपी अरविंद कुजूर ने बताया कि टेंडर घोटाले में शामिल 3 अफसर सहित 11 ठेकेदारों के खिलाफ चालान पेश किया गया था। उन्हे आरोप पत्र के साथ कोर्ट में पेश किया जाना था। इसके लिए टीआई संजय देवस्थले के नेतृत्व में 15 सदस्यी टीम अंबिकापुर गई थी, लेकिन आरोपी नहीं मिले।
अब इस मामले की अगली सुनवाई १० नवंबर को होगी। इस दौरान आरोपी अफसरों के खिलाफ दस्तावेजी साक्ष्य सहित पूरक चालान पेश किया जाएगा। ईओडब्लू एसपी अरविंद कुजूर ने बताया कि टेंडर घोटाले में शामिल 3 अफसर सहित 11 ठेकेदारों के खिलाफ चालान पेश किया गया था। उन्हे आरोप पत्र के साथ कोर्ट में पेश किया जाना था। इसके लिए टीआई संजय देवस्थले के नेतृत्व में 15 सदस्यी टीम अंबिकापुर गई थी, लेकिन आरोपी नहीं मिले।
डाटा मिला ईओडब्ल्यू को अफसरों के कम्प्यूटर में रखा हुआ डाटा मिला है। इसमें फर्जीवाड़े करने के महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, लेकिन, पर्याप्त समय नहीं होने के कारण इसे जब्त कर अदालत में पेश नहीं किया जा सका। विशेषज्ञों की मदद से उनके इसे देखते हुए जांच एजेंसी ने अदालत से अनुपूरक चलान पेश करने के लिए समय मांगा है। ठेकेदार अतुल सिंह के द्वारा बिचौलिए के भूमिका अदा करने की जानकारी मिली है। इसे देखते हुए धारा 173-8 के तहत उसके खिलाफ भी चालान पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि वर्ष 2015-2016 में अधिकारियों ने अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए निविदा पेपरों में हेराफेरी की थी। 8 ठेकेदारों ने रिंग बनाकर अपने अनुसार पूरा ठेका ले लिया था। इस मामले में सरकार को लगभग ९६ करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाया गया था।
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ईओडब्ल्यू ने जल संसाधन विभाग में 9.65 करोड़ रुपए के एनीकट घोटाले की शिकायत पर 4 मार्च 2016 को जुर्म दर्ज किया था। शिकायती जांच में विभाग के चीफ इंजीनियर एसके पाठक (रिटायर्ड), सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पीएन जांगड़े, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ओपी चंदेल, अंबिकापुर के ठेकेदार मेसर्स सुनील सिंह, मेसर्स नित्यानंद सिंह, मेसर्स उत्तम सिंह सिसोदिया, मेसर्स नुरुल हक, अरुणेंद्र प्रताप, द्वारिका बिल्डकॉन के रामाश्रय सिंह, बच्छराज कुंवर कंसस्ट्रक्शन के शैलेष गुप्ता और कवर्धा निवासी प्रकाश उपाध्याय के संलिप्ता होने के प्रमाण मिले थे। दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र करने के बाद सभी के खिलाफ चालान पेश किया गया था।
ईओडब्ल्यू ने जल संसाधन विभाग में 9.65 करोड़ रुपए के एनीकट घोटाले की शिकायत पर 4 मार्च 2016 को जुर्म दर्ज किया था। शिकायती जांच में विभाग के चीफ इंजीनियर एसके पाठक (रिटायर्ड), सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पीएन जांगड़े, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ओपी चंदेल, अंबिकापुर के ठेकेदार मेसर्स सुनील सिंह, मेसर्स नित्यानंद सिंह, मेसर्स उत्तम सिंह सिसोदिया, मेसर्स नुरुल हक, अरुणेंद्र प्रताप, द्वारिका बिल्डकॉन के रामाश्रय सिंह, बच्छराज कुंवर कंसस्ट्रक्शन के शैलेष गुप्ता और कवर्धा निवासी प्रकाश उपाध्याय के संलिप्ता होने के प्रमाण मिले थे। दस्तावेजी साक्ष्य एकत्र करने के बाद सभी के खिलाफ चालान पेश किया गया था।