जवाब नहीं दे पाए
पुलिस ने कंपनी संचालकों से मामले से विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। पखवाड़े भर बाद भी कंपनी अपना जवाब पुलिस को नहीं दे पाई थी। इसके चलते पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ धारा ३७०, उत्प्रवास अधिनियम १९८३ के तहत धारा १०, २४ और २५ के तहत भी अपराध दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि कंपनी में आधा दर्जन से अधिक डायरेक्टर हैं।
पासपोर्ट जब्त कर लिया, वेतन नहीं दिया
प्रेम सिंह से जोहांसबर्ग में कंपनी बिना अवकाश दिए लगातार काम ले रही थी। उनकी तनख्वाह डेढ़ लाख रुपए थी, लेकिन उसे नहीं दिया जा रहा था। इसी तरह खाने-पीने की व्यवस्था भी नहीं थी। प्रेम सिंह ने पैसा मांगा, तो आरोपियों ने इससे इनकार कर दिया। साथ उनके वीजा व अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए। किसी तरह प्रेम सिंह वहां से मुंबई पहुंचे और फिर अपने घर गए। इसके बाद उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर में कबूतरबाजी और मानव तस्करी करके प्रताडि़त करने की शिकायत की। इसकी जांच के बाद रायपुर पुलिस को मिनिस्ट्री ने जांच व आगे की कार्रवाई के लिए कहा था।
190 मजदूर और कर्मचारी हैं विदेश में
फार्चून मेटालिक के साउथ अफ्रीका ब्रांच में १९० मजदूर-कर्मचारी हैं, जो उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, दिल्ली आदि के हैं। छत्तीसगढ़ से एक भी कर्मचारी नहीं हैं। पुलिस ने अपराध दर्ज करने के बाद कंपनी के संचालकों से पूछताछ शुरू कर दी है। उनसे डायरेक्टरों की पूरी जानकारी मांगी है।
धरसींवा टीआई नरेंद्र बंछोर ने कहा कि विदेश मंत्रालय से मिली शिकायत के आधार पर मामले की जांच की गई है। कंपनी के डायरेक्टर पर अपराध दर्ज किया गया है। सभी डायरेक्टरों की जानकारी मांगी गई है।