रायपुर

छह माह की बच्ची के रेपिस्ट को 25 दिन में पहुंचाया हवालात में और दिलाई 20 की सजा

तेलीबांधा में पदस्थ एसआई दिव्या शर्मा ने भी एक रेपिस्ट को महज २५ दिनों में हवालात में पहुंचाया है। मामला इसी साल का है। वृंदावन हॉल में तेजस्वनी ग्रुप की ओर से ३० महिलाओं का सम्मान किया गया।

रायपुरDec 10, 2019 / 07:55 pm

Yagya Singh Thakur

छह माह की बच्ची के रेपिस्ट को २५ दिन में पहुंचाया हवालात में और दिलाई 20 की सजा

रायपुर. इन दिनों रेप केस में हो रही देरी की वजह अवाम में नाराजगी देखी जा रही है। हाल ही में हुए एनकाउंटर के बाद लोगों ने तेलांगना पुलिस की खुलकर तारीफ की। इधर, तेलीबांधा में पदस्थ एसआई दिव्या शर्मा ने भी एक रेपिस्ट को महज 25 दिनों में हवालात में पहुंचाया है। मामला इसी साल का है।
वृंदावन हॉल में तेजस्वनी ग्रुप की ओर से 30 महिलाओं का सम्मान किया गया। उनमें से एक एसआई दिव्या भी थीं। दिव्या ने बताया कि सालभर की बच्ची का रेप हुआ था। तहकीकात की जिम्मेदारी मिली। चालान महज ६ दिन में पेश किया और 25 दिन के भीतर उसे २० साल की सजा हुई। वहीं दूसरा मामला मंदिर हसौद का है। 4 साल की बच्ची के साथ ६४ साल के व्यक्ति ने रेप की कोशिश की थी। उसे35 दिन में जेलखाने तक पहुंचाया और 20 साल की कैद हुई।
बच्चों को बनाएंगी एजुकेटेड
ये हैं मानबाई। 6 वर्ष की उम्र से कुली का काम कर रही हैं। उनके तीन बच्चे हैं जिनकी परवरिश वो खुद अपनी मेहनत से कर रही हैं। लोगों का बोझ अपने सर पर उठा कर परिवार का बोझ संभाल रही हैं। ं को अच्छी स्कूल में पढ़ाने, अच्छा खान-पान, सुख-सुविधाओं के लिए वो पूरे दिन रेलवे स्टेशन में कार्य करती है।

बनीं आत्मनिर्भर, दूसरों को भी दिया रोजगार
ये हैं वंदना भारत ठक्कर। बीमारी के कारण वंदना के पति की मृत्यु हो गई और पूरे परिवार की जिम्मेदारी इनके ऊपर पर आ गई। इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए इन्होंने ग्रह उद्योग शुरू किया और धीरे धीरे खुद को सशक्त बनाया। इतना ही नहीं वंदना ने ना केवल खुद को बल्कि उनके जैसी और भी महिलाओं को इन्होंने रोजगार प्रदान कर उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाया।

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