आप पार्टी के नेता अली हुसैन सिद्दीकी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए भिलाई स्टील प्लांट में सभी अफसरों को लक्ष्य दे दिया गया है और बीएसपी के कर्मवीर श्रमिकों से जनरल शिफ्ट प्लांट में करवाने के बजाए उन्हें ज्यादा से ज्यादा संख्या में सिविक सेंटर मैदान सभा स्थल में इक_ा होने कहा गया है।
अली हुसैन सिद्दीकी ने कहा कि यह अपने आप में शर्मनाक है कि जनरल शिफ्ट में एक भी ठेका मजदूर को प्लांट के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा और ठेकेदारों से सभी ठेका मजदूरों को सिविक सेंटर मैदान में पहुंचाने कह दिया गया है। सिद्दीकी ने कहा कि यह भिलाई के श्रमवीरों के पसीने का अपमान है,फौलाद ढालने वाले श्रमवीरों को भीड़ का हिस्सा बनाया जा रहा है।
14 जून को भिलाई स्टील प्लांट की जनरल शिफ्ट को मैनेजमेंट अघोषित रूप से शून्य घोषित कर दिया है और फस्र्ट शिफ्ट के कर्मियों को प्लांट में ही रोक कर सिर्फ कामचलाऊ तौर पर उत्पादन जारी रखने कहा गया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों प्रधानमंत्री की सभा के नाम पर सत्ता का दुरुपयोग कर रही है जबकि भिलाई में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यहां तक कि 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आमसभा भी सिविक सेंटर के इसी मैदान में हुई थी, तब भी बीएसपी कर्मियों को अपनी जनरल शिफ्ट छोड़ कर सभा स्थल में पहुंचने जैसा शर्मनाक टारगेट नहीं दिया गया था।
वहीं 1991 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सेक्टर-6 और सुपेला के मध्य भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे। तब भी बीएसपी कर्मियों को जबरिया कार्यक्रम में नहीं भेजा गया। ठेका मजदूरों के मामले में मैनेजमेंट और ठेकेदारों का यह पूरी तरह अमानवीय रवैया है जिसमें उन्हें एक दिन की रोजी से वंचित किया जा रहा है। गरीब परिवारों के लिए 1 दिन की रोजी का क्या महत्व होता है इस पीड़ा को सत्ता के मद में डूबी सरकार और सत्ता की मलाई खा रहे लोग नहीं समझ सकते।