साय ने कहा, भाजपा के मंच से आयोग का काम
इस बावत पूछे जाने पर साय ने कहा, वे पहले भाजपा के हैं, दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष। वे गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में घूमे हैं। लोगों से मिलकर समझाया है, कि आदिवासी सैकड़ों वर्षों से उपेक्षित है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। चुनाव का वक्त है, इसलिए अपना हित देखकर ही किसी पार्टी को वोट करना है। सभाओं में भाजपा के झंडे-बैनर लगे होने की ध्यान दिलाने पर साय बोले, अब भाजपा की सभा में आप का झंडा थोड़े न लगेगा। वे भाजपा के हैं तो भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ही गए थे।
कांग्रेस भी कर चुकी है यही राजनीति
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति आयोगों के अध्यक्ष पद का राजनीतिक इस्तेमाल कांग्रेस भी कर चुकी है। सामने आया है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस के महासचिव पीएल पुनिया भी पार्टी प्रवक्ता के तौर पर काम करते रहे हैं। पुनिया 2013 से 2016 तक आयोग के अध्यक्ष रहे।