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बिना डॉक्टर की पर्ची मेडिकल स्टोर्स में धड़ल्ले से बिक रही हैं गर्भपात की दवाएं

locationरायपुरPublished: Oct 14, 2019 08:34:14 pm

Submitted by:

sandeep upadhyay

* अधिक रक्तस्राव से महिलाओं की पड़ जाती है जान जोखिम में* दवा विक्रेता नियम कायदों की खुलेआम उड़ा रहे हैं धज्जियां

बिना डॉक्टर की पर्ची मेडिकल स्टोर्स में धड़ल्ले से बिक रही हैं गर्भपात की दवाएं

बिना डॉक्टर की पर्ची मेडिकल स्टोर्स में धड़ल्ले से बिक रही हैं गर्भपात की दवाएं

डॉ. संदीप उपाध्याय @ रायपुर. राजधानी में अनचाहा गर्भपात कराने को लेकर लोग महिलाओं की जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसमें सबसे बड़ा हाथ उन मेडिकल स्टोर्स संचालकों का है, जो कि बिना डॉक्टर की पर्ची के लोगों को गर्भपात की दवाएं दे देते हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि इससे हर साल सैकड़ों महिलाओं की जान भी जा रही है। यही कारण है कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों के संघ की ओर से केंद्र व राज्य सरकार को पत्र भी लिखा जा चुका है इसे लेकर कड़े कानून बनाए जाएं। जिससे लोग अनचाहा गर्भपात न करा सकें और न उन्हें कहीं से बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा मिल सके।
गर्भपात कराना कानूनी अपराध है ऐसा आपको हर क्लीनिक और अस्पताल पर लिखा मिल जाएगा लेकिन इसकी दवाओं की बिक्री के लिए नियम कायदों का कोई पालन नहीं हो रहा है। लोग बिना बिना डॉक्टरी सलाह के झोलाछाप डॉक्टरों या मेडिकल स्टोर वालों से पूछकर गर्भपात की दवाएं खरीदकर ले आते हैं और घर पर ही अनचाहे गर्भ को गिराने का प्रयास करते हैं। इससे कई बार महिलाओं में साइड इफेक्ट हो जाता है और उससे उनकी जान खतरे में पड़ जाती है। इस मुद्दे को लेकर महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों ने भी चिंता जाताई है। कई मेडिकल स्टोर संचालकों का भी कहना है कि ऐसी दवाओं का पूरा रिकार्ड दुकानदारों रखना चाहिए। थोड़े मुनाफे के लिए बिना डॉक्टर की पर्ची के दवा बिल्कुल नहीं देना चाहिए। ऐसा करते यदि कोई दवा विक्रेता पाया जाए तो उसका लाईसेंस र² कर देना चाहिए।

खुद से किया अनचाहा गर्भपात अब मां बनने के लिए तरस रही महिला
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि एक महिला शादी के बाद बच्चा नहीं चाहती थी, लेकिन उसके गर्भ ठहर गया। ऐसे में उसने अपनी एक सहेली सलाह मांगी तो उसने कहा कि कई ऐसी दवाएं आती है, जिसे खाने से आसानी से घर पर ही एबोर्शन हो जाता है। महिला किसी मेडिकल स्टोर दवा लेकर आ गई। मेडिकल स्टोर वाले ने बिना डॉक्टर की पर्ची के उसे 500 की दवा 700 रुपए दी थी। दवा खाने के बाद महिला काफी कमजोर हो गई। उसे लगातार कई दिनों तक ब्लीडिंग होती रही। इस दौरान आधा अधूरा एबोर्शन होने से महिला को सेप्टीसिमिया हो गया। महिला के पति ने उसे गंभीर हालत में डॉक्टर के पास पहुंचाया तब जाकर उसकी जन बच पाई। इसके बाद पिछले चार सालों से वह महिला गर्भ न ठहरने की समस्या से डॉक्टरों के चक्कर काट रही है।
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गूगल पर पढ़कर खरीद रहे दवाएं
स्त्री रोग विशेषज्ञों की माने तो अनचाहा गर्भपात कराने वाले अधिकतर लोग गूगल में दवाओं का नाम सर्च करके या फिर मेडिकल स्टोर संचालकों और झोलाछाप डॉक्टरों की बताई दवा का उपयोग करते हैं। यह लोग न तो महिला का गर्भ समय देखते हैं न तो यह जांच कर पाते हैं कि उसे कब और दवा की कितनी मात्रा देनी है। अपनी मर्जी से दवा खाने से महिलाओं की मौते भी अधिक हो रही हैं।
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50 दिन से अधिक का गर्भपात खतरनाक
स्त्री रोग विशेषज्ञ संगीता जोगी ने बताया कि ऐसी दवाएं सिर्फ 50 दिन के अंदर तक ही ली जानी चाहिए। लोग बिना जानकारी के इसे तीन से चार महीने या उससे अधिक समय का गर्भपात कराने के लिए दवा खिला देते हैं। ऐसा करने से ब्लीडिंग बहुत ज्यादा होती है। कई बार इंफेक्शन होने से ऑपरेशन तक की नौबत आ जाती है। दवा से अधिक दिन का गर्भ पूरी तरह से नहीं गिरता और उसमें ऑपरेशन करना जरूरी हो जाता है।

ग्रामीण इलाकों में आसानी से मिल जाती हैं दवाएं
बिना डॉक्टर की सलाह के गर्भपात की दवाएं बेचने का पता लगाने के जब शहर के कुछ मेडिकल स्टोर में संपर्क किया गया तो उन्होंने दवा रखने से ही मना कर दिया। उनका कहना है कि ऐसी दवाओं का रिकार्ड रखना पड़ता है और बिना डॉक्टर की पर्ची के बेच ही नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिना डॉक्टर की सलाह के गांव के मेडिकल स्टोर्स या फिर शहर के अंदर गलियों में चल रहे मेडिकल स्टर वाले दवाएं दे देते हैं।

इस तरह के होते हैं नुकसान
1- दोबारा प्रेगनेंसी में होती है परेशानी।
2- भ्रूण पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता। एससे ऑपरेशन करना पड़ता है।
3- अत्यधिक ब्लीडिंग होने का खतरा बना रहता है।
4- बेहोशी, चक्कर व सिरदर्द की समस्या होती है।
वर्जन-

स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के बिना गर्भपात कराना और बिना डॉक्टर की पर्ची के उसकी दवा बेचना गैर कानूनी है। कई मेडिकल स्टोर संचालक थोड़े से मुनाफे के लिए गैर कानूनी कार्य कर रहे हैं। लोग भी घर पर गर्भपात कराने में महिला की जान जोखिम में डाल देते हैं। इस पर सरकार को सख्त कानून और नियम लाना चाहिए।
-डॉ. संगीता जोगी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ/प्रोफेसर, सिम्स बिलासपुर

वर्जन-

गर्भपात करने और कराने का अधिकार उन्हीं डॉक्टर के पास है जो या तो एमबीबीएस के बाद छह माह का विशेष कोर्स किए हो या फिर इसके विशेषज्ञ हों। गर्भपात भी उन्हीं अस्पतालों में हो सकता है जिनके पास इसका लाइसेंस हो। लोग गलत लोगों के संपर्क में आकर मेडिकल से दवा लेकर दवा देते हैं। ऐसे में उस महिला की जान जोखिम में पड़ जाती है। अधूरा गर्भपात होने अधिक ब्लीडिंग होती है और कई बार इसमें महिला की या तो जान चली जाती है या फिर वह दोबारा मां नहीं बन पाती है। यह एक गंभीर विषय है और इस पर सख्त नियम कानून बनना चाहिए।
-डॉ. प्रशांत नायक, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, एम्स रायपुर

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