पुलिस के मुताबिक गरियाबंद के छुरा निवासी चंद्रशेखर सेन उर्फ चंदन सेन अपने दोस्त नोहर सोनवानी के साथ मिलकर बेरोजगार युवाओं को शासकीय विभागों में नौकरी लगाने का झांसा देते थे। नोहर अपने संपर्क में आने वाले युवकों को बीएसपी और स्वास्थ्य विभाग में सहायक ग्रेड-3 के पद में नौकरी दिलाने का आश्वासन देता था। इसके एवज में किसी से 2 लाख, किसी से 3 लाख पैसे लेता था। इसके बाद चंद्रशेखर से मिलवाता था।
आरोपियों ने वर्ष 2019 से लेकर अब तक दर्जन भर से अधिक युवकों से कुल 26 लाख 80 हजार रुपए ले लिया। राशि लेने के बाद किसी को नौकरी नहीं दिलाया। इसकी शिकायत पीडि़तों ने पुलिस में की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। इसके बाद सायबर सेल की टीम ने छुरा में छापा मारकर चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की भनक लगते ही नोहर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में लगी है।
ये युवक ठगी के शिकार
आरोपियों ने सेजबहार के हरीश रात्रे से 5 लाख 50 हजार, संजय लहरे से 3 लाख 20 हजार, बादल दास मानिकपुरी 2 लाख 40 हजार रुपए, हितेश कुमार रात्रे से 5 लाख 50 हजार रुपए, डिटेक्टर पात्रे से 1 लाख, लक्ष्मण चंद्राकर से 2 लाख 50 हजार लिया। इसके अलावा अन्य पीडि़त भी हैं, जिनसे लाखों रुपए लेकर धोखाधड़ी की है।
डॉक्टर नहीं, बन गया हिस्ट्रीशीटर
चंद्रशेखर सेन काफी शातिर है। छत्तीसगढ़ के चर्चित पीएमटी घोटाले का खुलासा उसी के जरिए हुआ था। तत्कालीन क्राइम ब्रांच प्रभारी रमाकांत साहू ने उसे पकड़ा था। उसके स्थान पर किसी दूसरे ने पीएमटी की परीक्षा दी थी। इसके एवज में चंद्रशेखर ने लाखों रुपए दिया था। बाद में पीएमटी परीक्षा में बड़ी संख्या में मुन्नाभाई पकड़े गए थे।
आरोपी चंद्रशेखर वर्ष 2007 से अब तक जगदलपुर मेडिकल कॉलेज का स्टूडेंट भी है। वह डॉक्टर नहीं बन पाया, लेकिन अलग अलग थानों में धोखाधड़ी, मारपीट, जुआ व अन्य मामलों में शामिल होकर हिस्ट्रीशीटर बन गया है। आरोपी छुरा का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ फिंगेश्वर, महासमुंद के कोतवाली, पिथौरा, दुर्ग के छावनी, भिलाई, जगदलपुर में धोखाधड़ी व अन्य अपराध दर्ज हुए हैं।