पुलिस का दावा है कि ठगी करने वाले रायपुर शहर में ही है। बाहर नहीं निकल पाए हैं। रविवार को पुलिस ने रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरों की जांच की। इसमें संदेही बाइक सवार नजर नहीं आए। हालांकि एयरपोर्ट और बस स्टैंड के सीसीटीवी कैमरों की पूरी जांच नहीं हो पाई है। पुलिस अफसरों का मानना है कि ठगी करने वाले अगर शहर से भागना चाहते, तो घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर रिंग रोड नंबर-1 है। इसके जरिए आरोपी टाटीबंध चौक या तेलीबांधा की ओर फरार हो सकते थे, लेकिन कुशालपुर से फिर शहर के भीतर ही क्यों घुस गए।
पुलिस ने सीसीटीवी और कॉल डिटेल के लिए दो डीएसपी स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में दो टीम बनाई है। दोनों समता कॉलोनी से लेकर सुंदर नगर तक के सीसीटीवी कैमरे और घटना के समय एक्टीव मोबाइल नंबरों की पड़ताल में लगे हैं। पुलिस की एक टीम कंपनी केअधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है।
रायपुर पुलिस भिलाई और राजनांदगांव में पिछले दिनों हुई इसी तरह की वारदात का अध्ययन कर रही है। दोनों अपराध और रायुपर में हुइ्र ठगी तीनों का तरीका एक जैसा है। इस कारण पुलिस अफसरों को तीनों मामलों को एक ही गिरोह से जोड़कर देख रही है। इसका खुलासा आरोपियों के पकड़े जाने के बाद होगा।
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