गौरतलब है कि तुलसी किरीत धान खरीदी केंद्र में ढाई करोड़ रुपए का धान घोटाला हुआ था। इन दोनों सोसायटियों में ढाई करोड़ के धान घोटाले में पांच आरोपियों की संलिप्तता थी। जिसमें तुलसी सोसायटी में सबसे अधिक तकरीबन डेढ़ करोड़ के धान के शार्टेज का मास्टरमाइंड अजय प्रकाश नागेश सबसे प्रमुख आरोपी था। इसके साथ साथ यहीं के कंप्यूटर आपरेटर प्रहलाद कश्यप, किरीत के धान खरीदी प्रभारी रामनारायण कश्यप, कंप्यूटर आपरेटर गांधी दास महंत एवं तहसील नवागढ़ का कंप्यूटर आपरेटर रामकुमार कुर्रे के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी, 408, 409, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। जुर्म दर्ज होने के बाद किरीत का खरीदी प्रभारी रामनारायण कश्यप की गिरफ्तारी हो चुकी है।
वहीं चार आरोपी अब तक फरारी काट रहे थे। पुलिस इनकी तलाश कर रही थी लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी पुलिस के हाथ खाली थे। क्योंकि आरोपी अपना नाम बदल, हुलिया बदलकर देश के कोने-कोने में छिपे रहते थे। इनमें से सबसे प्रमुख मास्टरमाइंड अजय प्रकाश नागेश सबसे बड़ा खिलाड़ी है जो अपना नाम व हुलिया बदलकर लुक छिप रहा था। जिसे पुलिस ने गुरुवार की रात को कटघोरा में पकड़ा है। पुलिस ने अब तक इसे सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है।
15 दिन तक लगातार मेहनत का नतीजा
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन्हें पकड़ने के लिए लगातार 15 दिन तक पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों की टीम मेहनत करती रही। आरोपी अजय कुमार नागेश अपना नाम पता व हुलिया बदलकर लुक छिप रहा था। इतना ही नहीं हर चौथे दिन अपना मोबाइल सिम कार्ड भी बदल रहा था। क्योंकि करोड़ों रुपए के घोटाले के पैसे इन्हीं में खपा रहा था। साइबर सेल पुलिस टीम की मदद से पुलिस ने इन्हें आखिरकार पकड़ ही लिया।
इस तरह की गड़बड़ी
आरोपी अजय प्रकाश नागेश उम्र 32 वर्ष निवासी तुलसी को कोरबा से पकड़कर आरोपी को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। मेमोरेण्डम कथन पर अन्य साथियों के साथ मिलकर धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान अपना अधिक निजी लाभ प्राप्त करने की योजना बनाकर जिसमें किसानों की कुल रकबा में अतिरिक्त रकबा शामिल कर उस अतिरिक्त रकबा में धान समर्थन मूल्य में खरीदी कर लाभ प्राप्त किया गया है। जिसमें लोक सेवा केन्द्र के कम्प्यूटर आपरेटर के साथ मिलकर आरोपियों द्वारा कुछ किसानों के भूमि रकबा में अतिरिक्त भूमि रकबा जोड़कर तुलसी एवं किरीत के धान खरीदी केन्द्र में अधिक रकबा के धान की खरीदी समर्थन मूल्य में की गई है और उक्त खरीदी से अवैध लाभ प्राप्त किया गया। कुछ किसानों के धान बिक्री की राशि जिस खाता में आने वाली होती है उन किसानों के बैंक खाता के स्थान पर आरोपियों द्वारा अपने लोगों का खाताक्रमांक एवं नाम डालकर धान खरीदी की राशि प्राप्त कर अवैध लाभ प्राप्त किया गया।
अब तीन अन्य की तलाश
चारसौबीसी के इस मामले में अब तक दो आरोपी पकड़े गए। अब पुलिस को तीन अन्य आरोपियों की तलाश है। जिसमें तुलसी का कंप्यूटर आपरेटर प्रहलाद कश्यप, किरीत का कंप्यूटर आपरेटर गांधी दास महंत एवं तहसील नवागढ़ का कंप्यूटर आपरेटर रामकुमार कुर्रे शामिल हैं। हालांकि इनकी भी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि ये भी नवागढ़ के इर्द गिर्द ही घूम रहे हैं। वहीं प्रहलाद कश्यप विशाखापटनम में है। क्योंकि उसका भाई विशाखापटनम में रहता है। उसी के साथ वह भी छिपा है। वहीं गांधी दास महंत स्थानीय स्तर पर ही लुकछिपकर रह रहा है।