किरदार मायने रखता है
सुपरहिट फिल्म ‘आशिकी के स्टारडम के बावजूद ‘जुनून’ में नेगेटिव रोल के चैलेंज पर राहुल ने कहा कि एसा कुछ नहीं है। हम लोग जो भी किरदार करते हैं वही मायने रखता है। उस फिल्म में अहम किरदार शेर का था। आजकल जो फिल्में बन रही हैं वो कैरेक्टर बेस पर हैं। जितने भी लोग कैरेक्टर रोल कर रहे हैं वो नाइंटीज के जमाने का नहीं होता है जहां पर हीरो बिल्कुल साफ सुथरा हो। जो आज काम हो रहा है पहले मैं वह करना चाह रहा था। लेकिन अब तो प्लेटफॉर्म और भी बढ़ गया है। मुझे वही करना था, और कोई रोल करने का कोई मतबल नहीं था मेरे लिए। नवापारा(राजिम) के बिजनेसमैन राजीव बोथरा भी उस वक्त एअरपोर्ट पर थे। उन्होंने राहुल के साथ सेल्फी ली। राजीव ने बताया कि 90 के दशक में आशिकी ने धूम मचा दी थी। मैंने यह फिल्म 7 बार देखी थी। इस पर राहुल मुस्कुराए और उन्हें थैंक्स कहा।
रियलिस्टिक सिनेमा का दौर
वेबसीरीज को लेकर राहुल ने कहा, वेबसीरीज मेरे हिसाब से बहुत अच्छी चीज है। आप इसे किस हद तक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पेश करते हैं यह हर प्रोड्युसर और डायरेक्टर के ऊपर होता है। कुछ सबजेक्ट एसे हैं जिसमें चाहे वह जुबान हो या डायलाग या जो दिखाया जाता है वह जिस सच्चाई से हो उसे छुपाया भी जा सकता है। वैसे भी डिजिटल में च्वॉइस आपकी रहती है कि देखना या नहीं। इस हिसाब से मैें इसे बिल्कुल भी बुरा नहीं मानता। आजकल चाहे फिल्म हो या वेबसीरीज। इसे हम रियलिस्टि सिनेमा मान सकते हैं क्योंकि वही दिखाया जा रहा है जो सोसायटी में हो रहा है। हम देखना नहीं चाहते वह अलग बात है, लेकिन आंख बंद कर लें इसका मतलब ये नहीं कि आपके इर्द-गिर्द ये हो नहीं रहा है।
ये हैं आने वाली फिल्में
राहुल ने बताया, 11 जनवरी को ‘ए थिन लाइन’ रिलीज हुई है जो आज की फिल्म है। ज्यादातर फिल्म आप देखते हैं जिसमें लड़का किसी लड़की को प्रपोज करता है और फिर उनकी शादी होती है। ये फिल्म उसके बाद की है। इसमें हसबैंड का रोल मैंने प्ले किया है। जो कि बहुत ही एरोगेंट है। जो चीज नहीं करनी चाहिए वही करता है। वो अपनी बीवी से बहुत प्यार करता है। इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन तरीका गलत होता है। इसमें साइकोलॉजिक पाइंट्स हैं। इसके बाद मेरी फिल्म आ रही है संयोनी, जो कि रशिया में शूट की गई है। मेरा रोल हाफ इंडियन और हाफ रशियन है। वह दो-तीन माफिया गैंग्स में लड़ाई शुरू करवा देता है। इसमेंं आपको यह समझ नहीं आएगा कि मैं हीरों हूं या विलेन। तीसरी फिल्म मेरे कॅरियर की सबसे टफ फिल्म है आइटम ४ जो कि अंग्रेजी, हिंदी और फ्रेंच में है। यह बॉयोपिक है। जिसमें हीरो यह कोशिश करता है कि फिल्में किस तरीके से बननी चाहिए, उसे वैसी बनाई जाए। चौथी फिल्म इंग्लिश में है कॉल बैकअप इन मॉस्को, जिसमें मैं सीबीआइ ऑफिसर हूं। अंबेसडर की हत्या होती है जिसकी पड़ताल करने मुझे रशिया जाना पड़ता है।