फ़ोटो नहीं होने पर निराश हुए प्रतिभागी
सेलिब्रिटीज के मंच से जाने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही थी कि वे फिर स्टेज पर आकर मोमेंटो के साथ फोटो क्लिक करवाएंगे। लेकिन शाम तक वे रूम से बाहर नहीं आईं। वे प्रतिभागी जिनके साथ फोटो नहीं हो पाई काफी निराश नजर आए। जऱीन खान शाम करीब साढ़े छह बजे वे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गईं।मैंने आफताब पर ही हाथ रखा
हाथ रखकर फ़ोटो खिंचाने वाले शख्स ने पत्रिका को बताया, मैंने सिर्फ आफताब के पीछे हाथ रखे थे। उन्होंने अपना मोबाइल गैलरी दिखाते हुए कहा कि ये देखिए इन-इन सेलेब्स के साथ मैंने इसी अंदाज में फ़ोटो क्लिक कराए हैं। मैं भी ब्यूटी इवेंट कराता हूँ। अब तक 17 राज्यों में आयोजन कराए हैं। वैसे भी कोई हाथ रखकर गलत इरादे से फोटो नहीं खिंचाता है।जो कमिटमेंट था, पूरा नहीं किया
आयोजक ममता शर्मा ने कहा कि सेलेब्स ने अपना कमिटमेंट पूरा नहीं किया। वे प्रेस कॉन्फ्रेंस के टाइम को भी इवेंट टाइम पर काउंट कर रहे हैं जबकि पीसी तो एडिशनल थी। हाथ रखकर फ़ोटो क्लिक करवाने के मामले पर कहा कि था कोई सिरफिरा।जरीन को हुई उल्टियां
इवेंट स्पॉन्सर से जुड़े सिद्धार्थ ने बताया कि जऱीन खान की तबीयत भी खराब हो गई थी। यह जानकारी उन्हें इवेंट मैनेजर ने देते हुए कहा कि मैडम को वोमेटिंग हुई।रोटेशन में बांटे इवेंट, सेलेब्स मुस्कुराए
मंच पर केवल दो मोमेंटो थे जिसे रोटेशन में बांटा जा रहा था। मोमेंटो देकर फ़ोटो क्लिक करते ही वापस लिया जाता और उसे अगले प्रतिभागी को दिया जाता। रोटेशन सिस्टम को देख सेलेब्स मुस्कुराए बिना नहीं रह सके।प्रतिभागियों में निराशा क्यों?
कार्यक्रम में मौजूद कुछ प्रतिभागियों ने बताया कि हमने पैसे इसलिए दिए हैं कि सेलेब्स संग फोटो क्लिक करवाएंगे। सिर्फ ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं दिए थे। इसलिए हमें दुख हो रहा है। बताया गया कि टिकट की कीमत 10 से 15 हजार रुपए थी। बताते हैं कि दोनों सेलेब्स संग फोटो की इससे ज्यादा फीस थी। ऐसा नहीं है कि सिर्फ इसी कार्यक्रम में इतने पैसे लिए गए। रायपुर में जितने भी ब्यूटी इवेंट होते हैं और सेलेब्स के हाथों मोमेंटो दिए जाते हैं तो फीस ज्यादा होती है। दरअसल, सेलेब्स की भी भारी-भरकम फीस होती है। आयोजक इन्हीं पैसों से उन्हें पेमेंट करते हैं, होटल का किराया व अन्य मैनेजमेंट के खर्च दिए जाते हैं। इस तरह के आयोजन से महिलाओं को नया सीखने मिलता है। यहां आईं महिलाएं ब्यूटी पार्लर चलाती हैं या फ्रीलांसर मेकअप आर्टिस्ट होती हैं। वे ऐसे आयोजन से स्वरोजगार हासिल करती हैं। इस तरह ऐसे आयोजन महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हैं, वहीं आयोजकों को बिजनेस पर्पस से फायदा भी हो जाता है।