बाघ का शिकार कर खाल निकालने वाले 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें दो आरक्षक भी शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार 29 नवंबर को वन विभाग को सूचना मिली की एक बाघ के खाल का सौदा बीजापुर में किया जा रहा है। वन विभाग की स्पेशल टीम एण्टी पोचिंग युनिट और डॉग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व ने मामले को गंभीरता लेते हुए बीजापुर के एक व्यक्ति से फोन में संपर्क किया और सौदा करने का प्रयास किया। उस व्यक्ति ने कहा मैं पैसा झराने वाले बाबा को ढूंढ रहा हूँ।
ऐसे पकड़ाया तस्कर
वन विभाग ने अपने ही एक कर्मचारी को तांत्रिक बाबा बनाकर उनके पास भेजा घटना स्थल पर बाघ का खाल लिए हुए व्यक्तियों द्वारा पूजन सामग्री का व्यवस्था किया गया था। ठीक उसी समय एण्टी पोचिंग युनिट एवं डॉग स्क्वायड अचानकमार टाइगर रिजर्व की टीम ने दबिश देकर तस्करी का भंडाफोड़ कर दिया आरोपी कांकेर के किशनुपरी में पूजा कर रहे थे। इनके पास से एक नग बाघ का खाल जब्त किया गया है इनके पास से 4 बाइक और 11 नग मोबाइल फोन जब्त किया गया है। मामले में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
वन विभाग के गठित टीम द्वारा रात्रि गश्त के दौरान 7 दिसम्बर को शनिवार मध्य रात्रि बारनवापारा तथा देवपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत चीतल मारने वाले आरोपियों में से एक आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया। इसमें तीन अन्य सहयोगी आरोपी फरार है, जिसमें से एक वन विकास निगम का कर्मचारी जावेद फारूकी भी संलिप्त है। फरार अपराधियों की तलाश की जा रही है। मौके पर पकड़े गए आरोपी नरेन्द्र पटेल को न्यायालय में प्रस्तुत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सहायक प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरूण पाण्डेय ने बताया कि सात दिसम्बर की रात्रि एक वाहन कार क्रमांक-सीजी-06 जीपी 8910 संदिग्ध अवस्था में हरदी बीट के समीप बार से पकरीद मार्ग में देखा गया। रात्रि गश्त के दल द्वारा इसका परीक्षण करने पर दो मृत चीतल को कार की डिक्की में मारकर रखना पाया गया। इसके अलावा एक नर चीतल घटना स्थल पर मृत पाया गया। इसे जब्त कर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। रात्रि गश्त के दल में बारनवापारा तथा देवपुर वन परिक्षेत्रों के अधिकारी एवं कर्मचारिय आरएस मिश्रा,कृषाणु चन्द्राकर, पीके सिन्हा, मो. माबिया खान, सालिक राम डड़सेना आदि का आरोपी को पकडऩे में सक्रिय सहयोग रहा।