scriptएसीआई में 22 से महीनेभर तक नहीं होगा दिल का इलाज | Advance cardiac institute will not treat heart from 22 feb to 22 march | Patrika News

एसीआई में 22 से महीनेभर तक नहीं होगा दिल का इलाज

locationरायपुरPublished: Feb 16, 2020 10:16:50 pm

Submitted by:

Prashant Gupta

– नई कैथलैब मशीन का होगा इंस्टॉलेशन, मगर सिविल वर्क के लिए बजट नहीं, फाइल डीएमई दफ्तर में
– 3.47 करोड़ की लागत से खरीदी गई मशीन
– बैटरी पहुंच चुकी है और 20 को मशीन पहुंचेगी
– तीन साल की कड़ी मेहनत, लिखा-पढ़ी और तमाम उलझनों के बाद सीजीएमएससी ने खरीदी मशीन

एसीआई में 22 से महीनेभर तक नहीं होगा दिल का इलाज

एसीआई में 22 से महीनेभर तक नहीं होगा दिल का इलाज

रायपुर. प्रदेश के एकमात्र दिल के उपचार वाले सरकारी संस्थान एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में नई कैथलैब मशीन का इंस्टॉलेशन होने जा रहा है। इसलिए 22 फरवरी से लगभग एक महीने तक एसीआई में दिल की तमाम प्रोसिजर बंद रहेंगी। एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, दिल के सुराग से लेकर स्टेंटिंग की कोई प्रोसिजर नहीं होगीं।
करीब 3.47 करोड़ रुपए की लागत से खरीदी जा रही यह मशीन सबसे एडवांस बताई जा रही है। 20 फरवरी को मशीन जर्मनी से रायपुर पहुंच जाएगी।मशीन का इंस्टॉलेशन एसीआई के जिस चैंबर में होना है, वहां अभी सिविल वर्क का काम होना है। इसके लिए 16 लाख की आवश्यकता है। यह राशि एसीआई के पास नहीं है। यही वजह है कि प्रबंधन ने डॉ. आंबेडकर अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनीत जैन को पत्र लिखा। डॉ. जैन ने फाइल पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. आभा सिंह को भेजी। डॉ. सिंह ने फाइल चिकित्सा शिक्षा संचालनालय भेज दी है। जिस पर अब तक स्वीकृति जारी नहीं हुई है। जबकि मशीन इंस्टॉलेशन के लिए कंपनी को 20 से 25 दिन का चाहिए, सिविल वर्क भी कम से कम 10-12 दिन में होगा। अगर, जल्द राशि स्वीकृत नहीं हुई तो यह देरी मरीजों पर भारी पड़ सकती है।गौरतलब है कि मशीन खरीदी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) कर रहा है।

बार-बार बिगड़ रही है कैथलैब मशीन- कैथलैब मशीन 10 वर्ष पुरानी हो चुकी है। बार-बार बिगडऩे के बाद मरम्मत में हो रहे लाखों के नुकसान से बचने के लिए नई मशीन खरीदी जा रही है। गौरतलब है कि नई मशीन की कीमत 10 करोड़ रुपए है,मगर पुरानी मशीन को बदलकर नई मशीन की खरीदी में सरकार के 6.50 करोड़ रुपये बच जा रहे हैं।

ओपीडी खुली रहेगी- कैथलैब मशीन से होने वाली एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी प्रोसिजर भले ही बंद रहें, लेकिन ओपीडी खुली रहेगी। डॉक्टर बैठेंगे। ईको भी करेंगे। एसीआई बनने के बाद दिल के मरीजों को बड़ी राहत है। आयुष्मान भारत और अब डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना से संपूर्ण इलाज नि:शुल्क हो रहा है। रोजाना यहां 20-22 एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी होती हैं।

अभी जिस मशीन से प्रोसिजर की जा रही हैं, वह अपनी लाइफ पूरी कर चुकी है। कई बार बिगड़ चुकी है। इसलिए नई मशीन खरीदी जा रही है। जो सबसे एडवांस है।

डॉ. स्मित श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, कॉर्डियोलॉजी, एसीआई

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