scriptधान की फसलों को माहो आदि बीमारियों से बचाने किसानों को सलाह | Advice to farmers to protect paddy crops from diseases like months | Patrika News

धान की फसलों को माहो आदि बीमारियों से बचाने किसानों को सलाह

locationरायपुरPublished: Oct 12, 2020 07:29:13 pm

Submitted by:

lalit sahu

जिले के कृषि विभाग द्वारा बताई गई दवाईयों का उपयोग करके आसान तरीके से कीटों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है

धान की फसलों को माहो आदि बीमारियों से बचाने किसानों को सलाह

धान की फसलों को माहो आदि बीमारियों से बचाने किसानों को सलाह

बलौदाबाजार. वर्तमान में जिले के अधिकांश क्षेत्रों में धान की फसल में माहो, फुदका, चितरी बंकी, पश्री मोड़ आदि कीटों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने की जानकारी कृषकों द्वारा निरन्तर रूप से की जा रही है। लगातार बदलते मौसम एवं सही दवाई का प्रयोग नहीं करने से समस्या और भी विकट होते जा रही है। ऐसी अवस्था में जिले के कृषि विभाग द्वारा बताई गई दवाईयों का उपयोग करके आसान तरीके से कीटों पर नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है।
उप संचालक कृषि मोनेश साहू ने बताया कि माहू, फुदका जैसे रस चूसने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए डीनोटेफ्यूरान 20 प्रतिशत एस जी का 80-100 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ जो कि बाजार में ओसीन, टोकन, सेनपाई, सिम्बोला आदि नामो से प्रचलित है, अथवा पायमट्रोजीन 50 फीसदी डब्ल्यू पी का 100 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ जो कि चेस, सिमडा अथवा इमिडाक्लोप्रिड 40 से प्रतिशत से ज्यादा, इथीप्रोल 40 प्रतिशत डब्ल्यू जी जो कि बाजार में ग्लेमोर नाम से प्रचलित है, का 50-60 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। छिड़काव खुले मौसम में दोपहर 2 बजे के बाद करें एवं खेतों से अधिक पानी निकाल देें। पश्रीमोड़ एवं तनाछेदक के नियंत्रण हेतु फिफ्रोनिल 5 प्रतिशत एससी 300-350 मि.ली. प्रति एकड़ प्रचलित नाम भीम, रिजेन्ट, फिपरो अथवा कन्टाफ हाइड्रोक्लोराइड 50 प्रतिशत एससी का 300-400 ग्राम प्रति एकड़ प्रचलित नाम कार्बो-50, करंट, क्रांति-50, कार्गो अथवा क्लोरेन्ड्रानिलिप्रोल 04 प्रतिशत जीआर (दानेदार) का 4 कि.ग्रा. प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें यह दवाई बाजार में फरटेरा नाम से प्रचलित है, अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने कृषि विस्तार अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर सकतें हैं।
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