scriptबीमारियों का प्रकोप: कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू और डेंगू के बाद अब लंपी रोग ने बढ़ाई चिंता, दूसरे राज्यों से जानवरों की एंट्री पर रोक | After corona virus, swine flu, now lumpy disease has increased concern | Patrika News

बीमारियों का प्रकोप: कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू और डेंगू के बाद अब लंपी रोग ने बढ़ाई चिंता, दूसरे राज्यों से जानवरों की एंट्री पर रोक

locationरायपुरPublished: Aug 09, 2022 02:16:52 pm

Submitted by:

Sakshi Dewangan

LUMPY SKIN DISEASE: लम्पी स्कीन रोक से संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से दूर रखने, अन्य प्रदेशों से पशुओं के आवागमन पर रोक लगाने के साथ ही वेक्टर नियंत्रण और संक्रमित ग्रामों के 5 किलोमीटर के दायरे में गोटपाक्स वैक्सीन से रिंग वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए गए है.

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LUMPY SKIN DISEASE रायपुर. कोरोना वायरस ,स्वाइन फ्लू और डेंगू की बीमारी के प्रकोप के बीच लम्पी रोग का खतरा मंडराने लगा है.यह बीमारी इंसानों की नहीं,बल्कि जानवरों की है.इस बीच पशुओं को लम्पी स्कीन रोग से बचाव के लिए छत्तीसगढ़ संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के संयुक्त संचालकों और उप संचालकों को इस रोग के नियंत्रण एवं बचाव के संबंध में कड़े दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

संक्रमित ग्रामों में गोटपाक्स वैक्सीन से रिंग वैक्सीनेशन
राज्य शासन के अधिकारियों की तरफ से इस रोग के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है.लम्पी स्कीन रोक से संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से दूर रखने, अन्य प्रदेशों से पशुओं के आवागमन पर रोक लगाने के साथ ही वेक्टर नियंत्रण और संक्रमित ग्रामों के 5 किलोमीटर के दायरे में गोटपाक्स वैक्सीन से रिंग वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए गए है. अधिकारियों को रोग से पीड़ित पशुओं से नमूना एकत्र करके राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर को भेजने के भी हिदायत दी गई है.

बाहर से जानवरों का प्रवेश प्रतिबंधित
छत्तीसगढ़ के संचालक पशु चिकित्सा ने लम्पी स्कीन रोग की रोकथाम के लिए राज्य सीमा से लगे क्षेत्रों में चेक पोस्ट लगाने और नियमित निगरानी के निर्देश दिए हैं.अधिकारियों कहा है कि छत्तीसगढ़ के 18 जिलों की सीमा अन्य प्रदेशों से जुड़ी हुई है.जहां से बीमार पशुओं की आवाजाही की संभावना है.यह भी संभव है कि पशु व्यापारी की तरफ से विक्रय के लिए राज्य में लाए गए पशु रोग ग्रस्त हो, इसको ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती ग्रामों में प्राथमिकता के आधार पर चेक पोस्ट लगाकर नियमित चेकिंग सुनिश्चित की जाए और आसपास के गांवों में कोटवारों को भी इस बारे में अलर्ट किया जाए.साथ ही गांवों में पशु मेला का आयोजन नहीं किये जाने और पशु बिचौलियों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.

क्या है लम्पी रोग लम्पी स्कीन रोक विषाणुजनित संक्रमित रोग है.इससे संक्रमित रोगी पशु से स्वस्थ पशु में छूने और मच्छर, मक्खियों के जरिये से फैलता है.पहले इस रोग में बुखार के साथ पूरे बदन पर छोटी गुटली बन जाती है,उसके बाद घाव में बदल जाती है.लम्पी स्कीन रोग पीड़ित से दूधारू पशुओं की उत्पादन क्षमता, भार ढोने पशुओं की कार्य क्षमता और कम उम्र के पशुओं के शारीरिक विकास पर उल्टा प्रभाव पड़ता है.नतीजन पशु पालकों को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है.

गुजरात और राजस्थान में अधिक असर छत्तीसगढ़ के संचालक पशु चिकित्सा ने प्रदेश के में पदस्थ विभागीय अधिकारियों को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि राजस्थान और गुजरात में गौवंशी पशुओं में लम्पी स्कीन रोग के विस्तार की जानकारी प्राप्त हुई है.छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में लम्पी स्कीन रोग नियंत्रण के लिए सतर्कता अनिवार्य है.उन्होंने इस रोग के नियंत्रण के लिए रोग ग्रस्त पशुओं का उपचार और वेक्टर कंट्रोल हेतु आवश्यक औषधियों व अन्य सामग्री की व्यवस्था भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुये इस वित्तीय वर्ष में मौजूदा बजट से करने के निर्देश दिए हैं.जिलों में आवश्यकतानुसार लम्पी स्कीन रोक के कंट्रोल हेतु गोट पाक्स वैक्सीन का क्रय इस वित्तीय वर्ष में औषधि हेतु प्रदाय बजट के 20 प्रतिशत राशि से करने को कहा है.

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