मार्किट की जरुरी खबर : अगर आप भी खाते हैं बाजार से ख़रीदा मशरूम तो सावधानी बरतना भी जरूरी, पढ़े पूरी रिपोर्ट गौरतलब है कि प्रदेश सरकार कई सालों से खरीफ सीजन में दलहन तिलहन की फसल लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करती आ रही है। इसके लिए कृषि विभाग रियायत दर पर किसानों को मांग के अनुरूप अलग-अलग बीजों वाली मिनी किट उपलब्ध कराता है। शासन की इन नेक पहल से राज्य में हर साल दलहन तिलहन की फसल का रकबा बढ़ता जा रहा है। साल 2017-18 में 18.51 लाख हेक्टेयर में फसल लेने की योजना तैयार कर केवल दलहन तिलहन की फसल के लिए एक लाख 30 हजार हेक्टेयर का टारगेट दिया गया था। इस बार कृषि विभाग की लापरवाही के चलते यह क्षेत्र काफी कम हो गया है। पत्रिका ने जब 25 जून 2019 को यह खबर प्रमुखता से उठाई तो कृषि विभाग जागा और राज्य के किसानों को सहकारी समिति और अन्य संस्थाओं के माध्यम से 4 लाख 99 हजार 151 क्विंटल विभिन्न किस्मों के बीज का वितरण किया है।
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कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के कृषकों को खरीफ मौसम 2019 के लिए उन्नत किस्म के अनाज फसलें मक्का, कोदो, कुटकी, रागी एवं अरहर, उड़द, मूंग, कुल्थी, दलहनी फसले, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, सूरजमुखी बीज तथा सन एवं ढेचा के कुल 4 लाख 99 हजार 151 क्विंटल बीजों का वितरण किया गया है।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के कृषकों को खरीफ मौसम 2019 के लिए उन्नत किस्म के अनाज फसलें मक्का, कोदो, कुटकी, रागी एवं अरहर, उड़द, मूंग, कुल्थी, दलहनी फसले, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, सूरजमुखी बीज तथा सन एवं ढेचा के कुल 4 लाख 99 हजार 151 क्विंटल बीजों का वितरण किया गया है।
समय पर नहीं हो पाया था टेंडर
कृषि विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक हर साल बीजों के वितरण के लिए टेंडर जारी किया जाता है। इस साल न तो कृषि विभाग ने समय पर बीज निगम को कोई डिमांड भेजी और न उसने उसके लिए कोई टेंडर प्रक्रिया की। बाद में जल्दबाजी में टेंडर करके बीज सप्लाई करने का काम किया गया है।
कृषि विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक हर साल बीजों के वितरण के लिए टेंडर जारी किया जाता है। इस साल न तो कृषि विभाग ने समय पर बीज निगम को कोई डिमांड भेजी और न उसने उसके लिए कोई टेंडर प्रक्रिया की। बाद में जल्दबाजी में टेंडर करके बीज सप्लाई करने का काम किया गया है।
समय निकलने के बाद नहीं कोई औचित्य
जांजगीर-चांपा जिले के प्रगतिशील किसान नेता राम प्रकाश केसरवानी का कहना है दलहन तिलहन की बिजाई का समय लगभग निकल चुका है। देरी से बीज बोने पर उनकी पैदावार पर भी असर पड़ेगा। बीज की सप्लाई देरी से हुई है। किसान बीज लेगा भी तो उसे या तो कम मात्रा में बोकर अगले साल के लिए सहेजेगा। इस तरह का कार्य करने किसान दलहन तिलहन की फसल से दूर होगा।
जांजगीर-चांपा जिले के प्रगतिशील किसान नेता राम प्रकाश केसरवानी का कहना है दलहन तिलहन की बिजाई का समय लगभग निकल चुका है। देरी से बीज बोने पर उनकी पैदावार पर भी असर पड़ेगा। बीज की सप्लाई देरी से हुई है। किसान बीज लेगा भी तो उसे या तो कम मात्रा में बोकर अगले साल के लिए सहेजेगा। इस तरह का कार्य करने किसान दलहन तिलहन की फसल से दूर होगा।
दलहन तिलहन की अलग-अलग किस्मों के बीज किसानों की डिमांड के मुताबिक सप्लाई कर दिए गए हैं। बीज सप्लाई करने में थोड़ी देर हुई है, लेकिन अभी बिजाई का समय नहीं निकला है।
केडीपी राव, अपर मुख्य सचिव, कृषि विभाग
केडीपी राव, अपर मुख्य सचिव, कृषि विभाग