scriptराखी थाने में रात गुजारने के बाद सुबह फिर से धरने पर बैठे किसान | After spending the night in Rakhi police station, | Patrika News

राखी थाने में रात गुजारने के बाद सुबह फिर से धरने पर बैठे किसान

locationरायपुरPublished: Jun 19, 2022 01:37:43 am

Submitted by:

VIKAS MISHRA

किसानों का आरोप: तीन घंटे तक बस में बिठाकर अलग-अलग थानों में घुमाती रही पुलिस

राखी थाने में रात गुजारने के बाद सुबह फिर से धरने पर बैठे किसान

राखी थाने में रात गुजारने के बाद सुबह फिर से धरने पर बैठे किसान

रायपुर. अपनी मांगों के लेकर करीब 166 दिनों नवा रायपुर के किसान आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को प्रशासन ने कयाबांधा स्थित धरना स्थल पर लगे पंड़ाल पर जेसीबी चला दिया है, जिसके बाद धरना दे रहे किसान आक्रोशित होकर दोपहर 3 बजे एनआरडीए के कार्यालय में घुसकर बैठ गए। थोड़ी देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने एनआरडीए कार्यालय से किसान नेताओं खींचकर पुलिस वाहनों में बिठा लिया। किसानों का आरोप है कि इसके बाद उन्हें एक थाने से दूसरे थाने घुमाते रहे। आखिर में किसानों को राखी थाना में लाकर घर जाने को कहा गया, लेकिन किसान नेता नहीं माने और रातभर थाने में रहे। सुबह 7 बजे वापस आकर कयाबांधा में धरना शुरू कर दिया।
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति महासचिव कामता रात्रे ने बताया कि हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से कयाबंधा में आंदोलन कर रहे थे। पुलिस ने बेवजह हमारे पंडाल को उखाडक़र हमारे आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया। पंडाल को तोडऩे से भी जी नहीं भरा तो हमारे नेता व 200-250 किसानों को तीन बसों में बिठाकर माना, मंदिर हसौद, आरंग, अभनपुर और राखी थाने घुमाते रहे। तीन घंटे घुमाने के बाद सभी को राखी थाने में लाकर घर जाने को कहा गया, लेकिन हम बांस, बल्ली व पंडाल के बिना नहीं जाएंगे कहकर रातभर राखी थाना में रहे। तब सुबह हमारा सामान वापस मिला है। पुलिस ने हमारे पंडाल को अवैध बताया और जेसीबी चलाकर तोड़ दिया। वहां का सामान भी उठाकर ले गए।
किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, लगातार हमारे आंदोलन को शासन-प्रशासन कुचलने का प्रयास कर रहा हैं। पहले भी 24 अप्रैल की सुबह प्रशासन ने पंडाल तोडक़र सामान जब्त कर लिया था। उसके बाद किसान कयाबांधा में आकर बैठ गए थे। हम लोगों ने प्रशासन से नुकसान का मुआवजा मांगा है। पुलिस अधिकारी 50 हजार रुपए देने की बात कह रहे हैं, लेकिन हमारा नुकसान कहीं ज्यादा का है।
नवा रायपुर में किसान आंदोलन के पंडाल को तोड़े जाने की खबर से भारतीय किसान यूनियन भी इसमें कूद पड़ा है। किसान नेता राकेश टिकैत ने हरिद्वार से वीडियो संदेश जारी कर किसानों से कहा, वे फिर जाकर धरना स्थल पर बैठें। बरसात आ गया है, इसलिए ट्रेक्टर ट्राली में पंडाल बनाएं। अब यह छत्तीसगढ़ का नहीं पूरे भारत के किसानों का आंदोलन है। पूरा मुआवजा और समझौते के पालन किए बिना किसानों की जमीन नहीं लेने दी जाएगी। टिकैत ने कहा, उनकी लड़ाई केंद्र सरकार से भी है और छत्तीसगढ़ की सरकार से भी।
किसानों के खिलाफ अपराध दर्ज
नवा रायपुर में विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले किसानों के खिलाफ पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है। पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को किसान एनआरडीए मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में एनआरडीए परिसर में घुसने लगे। सुरक्षाकर्मियों ने इसका विरोध किया, तो उनके साथ झूमाझटकी करने लगे। इसकी शिकायत पर राखी पुलिस ने किसान नेता रूपन चंद्राकर और अन्य किसानों के खिलाफ धारा 186, 332, 353 व अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि लंबे से नवा रायपुर के प्रभावित किसान अपनी उचित मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों से कुछ मांगे सरकार ने मान ली हैं। किसान आंदोलन को सहयोग करने किसान नेता राकेश टिकैत भी इसमें शामिल हो चुके हैं। एएसपी ग्रामीण किर्तन राठौर ने बताया कि एनआरडीए परिसर में प्रवेश पर रोक के बावजूद किसानों ने जबरदस्ती प्रवेश किया और सुरक्षाकर्मियों से झूमाझटकी की। इसलिए किसान नेता रूपन व अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो