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रायपुर

छत्तीसगढ़  में ऑटोमोबाइल के बाद अब रीयल एस्टेट मालामाल, मंदी बेअसर

रीयल एस्टेट के क्षेत्र में आए इस बदलाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते साल के मुकाबले इस साल महज 10 माह के भीतर रजिस्ट्री में लगभग 35 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।

रायपुरJan 27, 2020 / 11:11 pm

bhemendra yadav

छत्तीसगढ़  में ऑटोमोबाइल के बाद अब रीयल एस्टेट मालामाल, मंदी बेअसर

छत्तीसगढ़  में ऑटोमोबाइल के बाद अब रीयल एस्टेट मालामाल, मंदी बेअसर

रायपुर. छत्तीसगढ़ में ऑटोमाबाइल सेक्टर के बाद अब रीयल एस्टेट (भवन निर्माण) क्षेत्र में बहार आई हुई है। जहां एक ओर देश का बड़ा हिस्सा मंदी की मार झेल रहा है, नौकरियां कम हो रही हैं और व्यावसायिक गतिविधियां कमजोर पड़ रही हैं, वहीं राज्य नया इतिहास रचने में लगा है।
रीयल एस्टेट के क्षेत्र में आए इस बदलाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते साल के मुकाबले इस साल महज 10 माह के भीतर रजिस्ट्री में लगभग 35 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया।
देश में वर्तमान दौर में ऑटोमोबाइल, रीयल स्टेट और टेक्सटाइल सेक्टर समस्याओं के दौर से गुजर रहे हैं। कई कंपनियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है, कई फैक्टी में ताले लग गए हैं, तो वहीं हजारों लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। वहीं छत्तीसगढ़ की स्थिति इससे बिल्कुल इतर है।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दावा है कि देशव्यापी मंदी के दौर से छत्तीसगढ़ राज्य अछूता है। यहां रीयल एस्टेट से लेकर जेम-ज्वेलरी तथा ऑटो मोबाइल सेक्टर आदि सभी क्षेत्रों में वृद्धि हो रही है। रीयल इस्टेट के क्षेत्र में डेढ़गुना बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष जहां लगभग 1100 करोड़ रुपये की रजिस्ट्री हुई, वहीं इस वर्ष अभी तक लगभग डेढ़ हजार करोड़ रुपये की रजिस्ट्री हुई है।
पंजीयन विभाग के अपर संचालक मदन कोरपे ने आईएएनएस से कहा, “अब तक राज्य में छोटे भूखंडों के क्रय-विक्रय पर रोक थी, इस रोक को खत्म किया गया, वहीं कलेक्टर गाइडलाइन की दरों में 30 प्रतिशत और पंजीयन शुल्क की राशि में दो प्रतिशत की कमी की गई है। इससे रजिस्ट्री की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
मुख्यमंत्री बघेल का कहना है कि हर व्यक्ति का सपना खुद का घर खरीदना होता है। इनका सपना साकार हो, इसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इनसे लोगों को काफी राहत मिली है और प्रदेश में रीयल इस्टेट के क्षेत्र में एक वर्ष में डेढ़गुना की वृद्धि हुई है।
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के जितेंद्र बरलेटा की मानें तो राज्य पर मंदी का असर नहीं है। इसका मूल कारण सरकार की नीतियां और दूसरी ओर लोगों के पास पैसे का आना है।

उन्होंने कहा, “सरकार ने एक तरफ जहां किसानों का कर्ज माफ किया, तो वहीं दूसरी ओर धान के दाम उन्हें मिले, इतना ही नहीं छोटे भूखंडों पर क्रय-विक्रय पर लगी पाबंदी को हटाए जाने के बाद स्थितियां बदली हैं।”
रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया भी मानते हैं कि राज्य पर मंदी का असर नहीं है। देश के अन्य हिस्सों में जहां ऑटोमोबाइल सेक्टर में गिरावट आई है, वहीं राज्य में उछाल आया है। राज्य में ऑटोमोबाइल सेक्टर में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा, “जहां तक रीयल एस्टेट की बात है, तो यहां जमीन के गाइडलाइन रेट बहुत ज्यादा हैं, इन्हें 30 प्रतिशत कम किया गया, जिससे लोगों में खरीदने के लिए उत्साह आया।”

लोगों के पास अचानक रुपये कहां से आए? इस सवाल के जवाब में सिंघानिया ने कहा, “राज्य सरकार ने एक तरफ किसानों का कर्ज माफ किया, उन्हें धान का दाम मिला। जब किसान के पास पैसा आया तो उसने उसे वाहन खरीदने, सोना खरीदने और जमीन खरीदने पर खर्च किया। दूसरी ओर छोटे भूखंड के क्रय-विक्रय पर लगी रोक खत्म करने के बाद लोगों ने जमीनें बेचीं, अन्य लोगों ने उसे खरीदा। जब किसी के पास पैसा आएगा तो वह कहीं तो खर्च करेगा।”
मुख्यमंत्री बघेल का कहना है कि राज्य शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के जरिए प्रदेश में हर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने का कार्य निरंतर जारी है। इससे उनकी स्थिति दिनों-दिन बेहतर हो रही है। इसके वजह से बाजारों में भी रौनक बनी हुई है। पांच सालों में देश के सात प्रमुख सेक्टरों में तीन करोड़ 64 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं।
इनमें रीयल एस्टेट में दो लाख 70 हजार, टेक्सटाइल में तीन करोड़ 50 लाख, ऑटोसेक्टर में दो लाख 30 हजार तथा बैंकिंग क्षेत्र में तीन लाख 15 हजार लोगों की नौकरियां चली गई हैं। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ के रीयल एस्टेट, ऑटो मोबाइल तथा जेम-ज्वेलरी आदि हर क्षेत्र के विकास में निरंतर वृद्धि दर्ज हो रही है।
–आईएएनएस
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