सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कार्यसमिति के अतिरिक्त, बैठक शुरू होने के पहले 4 नेताओं से अलग से चर्चा की। कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं ही सर्वोपरी हैं, उन्हें पूरा सम्मान दें। आज से विधानसभा चुनाव को ढ़ाई साल का वक्त है, जो पर्याप्त है। अगर पार्टी के सभी नेता संगठन में मिले दायित्वों का निर्वाहन करते हैं तो सत्ता में वापसी मुश्किल नहीं।
शिव प्रकाश,संगठन का वही चेहरा है जिसे संगठन ने ममता के गढ़ में सेंध लगाने के लिए 2014-15 में पहले पश्चिम बंगाल भेजा था। आज भाजपा की मजबूत स्थिति का क्रेडिट शिव प्रकाश को जाता है। यही वजह है कि सौदान सिंह की जगह बूथ मैनेजमेंट का मास्टर माने जाने वाले शिव प्रकाश को छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों का प्रभार दिया है। उनका मुख्यालय भोपाल बनाया गया है।
अब अगला मिशन छत्तीसगढ़ ही है।बूथ मैनेजमेंट का खाका इस प्रकार- 6 अप्रैल को स्थापना दिवस के दिन सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बूथ पर आयोजन करें। उसके बाद पार्टी अन्य दिवस भी बूथों में मनाएगी। 14 अप्रैल, आंबेडकर जयंती के दिन पदाधिकारी बूथों पर समरसता दिवस मनाएंगे। यह भी निर्देश हैं कि पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के बीच समय बिताएं, बूथ स्तर पर रात्रि विश्राम करें। इसका उ²ेश्य बूथ अध्यक्षों, कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाना है।
पार्टी में कई तरह की चर्चाएं जोरों पर
पार्टी के अंदर इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नबीन दोनों नए चेहरे हैं। शिव प्रकाश भी राज्य के लिए नए हैं। ये सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को रिपोर्ट करते हैं। निश्चित है कि ये राज्य में वेट एंड बॉच की नीति अपनाकर अपनी टीम बनाएंगे। क्योंकि प्रदेश के कार्यकर्ता इस बात से नाराज हैं कि हारे हुए नेताओं को आखिर क्यों फिर से पदाधिकारी नियुक्ति किया गया? कब नए चेहरों को मौके मिलेंगे।
पार्टी के अंदर इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी, सह प्रभारी नितिन नबीन दोनों नए चेहरे हैं। शिव प्रकाश भी राज्य के लिए नए हैं। ये सीधे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को रिपोर्ट करते हैं। निश्चित है कि ये राज्य में वेट एंड बॉच की नीति अपनाकर अपनी टीम बनाएंगे। क्योंकि प्रदेश के कार्यकर्ता इस बात से नाराज हैं कि हारे हुए नेताओं को आखिर क्यों फिर से पदाधिकारी नियुक्ति किया गया? कब नए चेहरों को मौके मिलेंगे।
बेटों को टिकट नहीं-शिव प्रकाश ने कार्यसमिति की बैठक में दो टूक कहा कि हम सब में परिवार का भाव है, लेकिन परिवाद नहीं। इससे स्पष्ट है कि जो भी पदाधिकारी, वरिष्ठ-कनिष्ठ नेता अपने बच्चों को टिकट दिलवाने की जुगत में लग गए हैं, वे भूल जाएं। टिकट का आधार सिर्फ परर्फोमेंस होगा।