आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसकी संभावना अधिक हो गई है। वहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो एक सप्ताह के भीतर हार की समीक्षा के लिए बड़ी बैठक हो सकती है। इसके बाद ही संगठन स्तर पर बड़ा फैसला होगा।
भाजपा को मिली करारी हार की जिम्मेदारी भले ही मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने ऊपर ले ली हो, लेकिन संगठन स्तर पर बात यही समाप्त नहीं हो सकी। संगठन जल्द ही बैठक लेकर हार की बड़ी वजह की तलाश करेगा। बैठक में उन सभी पहलूओं की पड़ताल की जाएगी, जिसकी वजह से हार मिली है। इसमें भाजपा के घोषणा पत्र से लेकर उसकी योजनाओं को भी शामिल किया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि यदि यही स्थिति लोकसभा में रहती है, तो भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है। यही वजह है कि संगठन अपने स्तर पर लोकसभा चुनाव से पहले पेंच कसेगा। मीडिया प्रभारी उमेश घरमोड़े कहते जनता से मिला जनादेश हमें स्वीकार है। जनता ने हमें 15 साल तक सेवा का मौका दिया,इसके लिए हम उनके हमेशा ऋणी रहेंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता और संगठन हार की समीक्षा करेगा।
जल्द तय होगा विपक्ष का नेता
बताया जाता है कि हार के बाद अब पार्टी जनता के बीच वापस अपनी पैठ बनाने के लिए सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाने की तैयार कर रही है। हार-जीत की समीक्षा बैठक के दौरान ही पार्टी अपने नेता प्रतिपक्ष का भी चयन कर सकती है।