बैठक में केंद्रीय गृहसचिव ने माओवादियों को एक दायरे में समेटने के लिए फोर्स को आगे कदम बढ़ाने के लिए कहा। उन्होंने कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विकास कार्यों को भी प्राथमिकता से किया जाए। इसके लिए योजनाबध्द तरीके से सभी को संयुक्त रूप से कार्य करने के निर्देश दिए। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में केंद्रीय गृहसचिव ने सुरक्षाबलों के अफसरों से कहा कि वह इंटेलिजेंस पर आधारित ऑपरेशन चलाए, ताकि प्रभावी कार्रवाई के साथ ही माओवादियों को एक सीमित दायरे में समेटा जा सके। इस दौरान दौरान वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) और इससे संबंधित मु²ों पर विस्तार से चर्चा की गई। अफसरों ने उन्हे बताया कि पिछले 10 महीनों में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए आपरेशन सफल रहे हैं। लगातार अभियान चलाए जाने के माओवादी बैकफुट पर आ गए है। इस बैठक में आईबी के निदेशक अरविंद कुमार, केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के महानिदेशक राजीव भटनागर, मुख्य सचिव सुनील कुजूर, अपर मुख्य सचिव गृह सीके खेतान डीजीपी डीएम अवस्थी सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी व बस्तर संभाग के सात जिले के कलेक्टर और एसपी शामिल हुए।
सुरक्षित चुनाव कराना बड़ी उपलब्धि
केंद्रीय गृह सचिव को राज्य पुलिस के अफसरों ने बताया कि माओवादी प्रभावित इलाकों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव कराना बड़ी चुनौती का कार्य था। इसके लिए राज्य पुलिस केंद्रीय सुरक्षा बल ने संयुक्त रूप से रणनीति बनाई थी। इसे जवानों ने बखूबी अंजाम दिया है।
अफसरों ने मांगे अत्याधुनिक संसाधन
अफसरों ने केंद्रीय गृहसचिव को प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे अभियान के संबंध में जानकारी दी। उन्हे बताया कि अब माओवादी का प्रभाव अब जंगल के अंदरूनी इलाकों तक रह गया है। वह मुठभेड़ में मारे जाने और पकड़े जाने के डर से आईईडी का सहारा ले रहे है। इसे डिटेक्ट करने के लिए अत्याधुनिक संसाधन और सुविधाओं की मांग की गई। बताया जाता है कि केंद्रीय गृह सचिव ने आश्वासन दिया कि वह हर संभव मदद करेंगे। इस संबंध में केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे।