डॉक्टर व कर्मचारियों को वे समझाइश देते हैं लेकिन घर से निकलने से पहले पत्नी उन्हें करीब 10 मिनट तक समझाती है कि अस्पताल में मास्क व टोपी लगाकर बैठें और किसी से हाथ न मिलाएं। एक मीटर की दूरी से ही किसी से बात करें। यदि कभी वह सेनेटाइजर घर पर भूल जाते हैं तो पत्नी घर से भिजवाती है जबकि अस्पताल में सेनिटाइज की कोई कमी नहीं रहती है। घर लौटता हूं तो बाहर ही कपड़े उतारना पड़ता है क्योकि पत्नी अंदर घुसने नहीं देती है। डॉ. करन पीपरे ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रभाव जब तक देश में नहीं था, तब तक सुबह 8 से रात 8 बजे तक एम्स में रुके रहते थे।
अब जबकि, कोरोना वायरस से निपटने के लिए एम्स को प्रदेश का प्रमुख केंद्र बना दिया गया है तो रात 10 बजे तक रहते हैं। उन्होंने बताया कि एकसाथ जब तीन कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज मिले थे तो रात 1 बजे तक वह अस्पताल में ही रूके रहे। मरीज जब तक आइसोलेशन वार्ड तक नहीं पहुंच गए तब तक वह मौजूद थे। डायरेक्टर के साथ प्रतिदिन अस्पताल का निरीक्षण किया जाता है इसलिए दूसरे दिन सुबह 8 बजे ही अस्पताल पहुंच गया।
अस्पताल के किसी डॉक्टर, स्टॉफ या मरीज का रात में भी फोन आ जाता है तो जाने से नहीं हिचकिचाते। डॉ. पीपरे ने बताया कि उन्हें मरीजों की सेवा करते हुए 39 साल पूरे हो गए हैं और इतनी लंबी अवधि में लोगों को प्लेग, मलेरिया, हैजा, कैंसर, डायरिया, पोलिया, हेपेटाइटिस, वायरल हेपेटाइटिस आदि बीमारियों से मरते हुए देखा है, इसलिए उन्हें कोरोना वायरस से डर नहीं लगता।
आइसोलेशन वार्ड में भी जाने से नहीं डरता
डॉ. करन पीपरे ने बताया कि एम्स में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए दो जगहों पर आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। आइसोलेशन वार्ड में मौजूद सुविधाओं और मरीजों का हालचाल जानने के लिए वह वहां जाने से भी नहीं डरते हैं। हालांकि, वह पूरी सुरक्षा व एहतियात के साथ जाते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। एम्स से लोग अच्छे होकर अपने घर जा रहे हैं। 2 कोरोना पॉजिटिव का सफल इलाज किया जा चुका है। लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग को भी समझना होगा।
हर घंटे बच्चों का आता फोन
डॉ. करन पीपरे ने बताया कि उनके दो बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा जबलपुर तथा बेटी पुणे में डॉक्टर है। एक बेटा नोएडा की एक निजी कंपनी में मैनेजर है। हर घंटे बच्चों का फोन आता है और हालचाल पूछते हैं। बेटी मेरा हौसला बढ़ाती रहती है। वह कहती है कि लोगों की सच्ची सेवा करने का मौका अब मिला है। तीनों बच्चे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क, टोपी और सेनेटाइजर साथ में रखने के लिए कहते हैं। कितनी भी रात घर पहुंचने में क्यों न हो जाए, बेटी का फोन जरूर आता है।