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एम्स में 40 डॉक्टरों की टीम घर-परिवार से दूर कह रही गो कोरोना

locationरायपुरPublished: Mar 29, 2020 10:08:45 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

नेशनल डॉक्टर्स डे आज, फैमिली को देखने वीडियो कॉलिंग का सहारा

एम्स में 40 डॉक्टरों की टीम घर-परिवार से दूर कह रही गो कोरोना

रविवि में सोशल वर्क के छात्र मनीष कोटवानी ने डॉक्टरों के सम्मान में रंगोली बनाई है। इसमें उन्होंने दिखाया है कि देश की रक्षा डॉक्टरों के हाथों है। 3 दिन में तैयार इस रंगोली में कोरोना को राक्षस बताया गया है। डॉक्टर ढाल बनकर खड़े हैं और देश सुरक्षित है। एक तीन राक्षस की ओर जा रहा है जिसमें सर्वधर्म के चिह्न लगे हैं।

ताबीर हुसैन @ रायपुर। देश में लॉकडाउन चल रहा है। रायपुर एम्स में कोरोना पॉजिटिव के 5 पेशेंट हैं। इनके इलाज के लिए 40 डॉक्टर्स की टीम है। इसमें टेक्नीकल पर्सन भी हैं। 30 मार्च को नेशनल डॉक्टर्स डे है। हालांकि भारत में 1 जुलाई को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है लेकिन दुनिया के कई देशों में आज मनाया जाता है। वैसे तो हर दिन डॉक्टरों का होता है क्योंकि वे रोजाना किसी न की जिंदगी बचाते हैं। इन दिनों कोरोना के चलते डॉक्टरों का कद और भी बढ़ गया है। लोग उनके सम्मान में कविताएं लिख रहे हैं। सिटी के आर्टिस्ट पेंटिंग व रंगोली बना रहे हैं। पूरी दुनिया में डॉक्टरों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। सबसे खास बात ये है कि जो डॉक्टर्स कोरोना पॉजिटिव के इलाज में लगे हैं वे घर तक नहीं जा रहे हैं। 19 मार्च को रायपुर में कोरोना का पहला मरीज मिला। इसके बाद से संख्या बढ़ती गई।
एम्स में 40 डॉक्टरों की टीम घर-परिवार से दूर कह रही गो कोरोना

निभा रहे सबसे बड़ा धर्म

कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी मरीज का इलाज ही हमारा धर्म है। अभी का जो दौर है उसमें हम अपने धर्म को निभा रहे हैं। ये जरूर है कि हम अपनी फैमिली को वक्त नहीं दे पा रहे। उनसे वीडियो कॉलिंग और वॉट्सेप से बात होती है। लेकिन हमारी फैमिली भी इस बात को समझती है कि हम जिस मिशन में लगे हैं उससे बड़ा कुछ नहीं।

 दूरियां बहुत कुछ सिखाती है

डॉक्टर्स ने कहा कि दूरियां बहुत कुछ सिखाती हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ हम अपने परिवार से दूर हैं। देशभर में यही स्थिति है। कोई न कोई अपनों से दूर है। अभी सबसे सेफ्टी की बात ये है कि जो जहां है वह वहीं रहे। सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है। घर जाने से पहले रहेंगे कोरेंटाइन में अस्पताल प्रबंधन की मानें तो जिन डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना मिशन में लगी है वे घर जाने से पहले कोरेंटाइन में रहेंगे। हालांकि उनका रोज चेकअप भी हो रहा है। अभी एक महीने तक वे घर नहीं जाएंगे। मिशन इंचार्ज को एक छोटा सा रूम दे दिया गया है।
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लगातार 56 घंटे काम का है अनुभव : डॉ. नागरकर

एम्स के डॉयरेक्टर डॉ. नितिन नागरकर ने कहा कि जबसे चीन में यह वायरस एक्टिव हुआ और भारत में दाखिल हुआ तबसे हम अलर्ट हैं। हम कोरोना से मुकाबला करने पूरी तरह तैयार हैं लेकिन लोगों में भी अवेयरनेस होनी चाहिए। उनके लिए सबसे सुरक्षित स्थान है घर। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जबसे रायपुर में कोरोना पॉजिटिव पाया गया नींद में फर्क आया है। 4 से 5 घंटे ही सो पा रहे हैं। हालांकि नहाने के बाद फ्रेश फील करते हैं। घर और दफ्तर दोनों हॉस्पिटल ही है। मैंने यूके में 56 घंटे तक लगातार काम किया है, अब वहां का नियम बदल गया है। अभी कोरोना से जंग के लिए तीन टीमें काम कर रही हैं जिसमें 40 डॉक्टस और तकनीकी अधिकारी हैं। अभी थोड़ी देर पहले ही मैंने मंत्रीजी से स्काइप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की है। हमारे डॉक्टर भी घर नहीं जा रहे हैं, वे वीडियो कॉलिंग से ही परिवार के टच में हैं। किसी भी मिशन के लिए ठोस प्लानिंग की जरूरत होती है, जो कि हमने की हुई है।
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