मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे अपने पत्र में जोगी ने ओडिशा से बीजू जनता दल के सांसद बैजयंत पांडा द्वारा 3 अगस्त 2017 को जारी व्यक्तव्य का हवाला दिया है। उस व्यक्तवय में पांडा ने यह माना था कि पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम उनकी कंपनी इंडियन मेटल फेरो अलॉयज लिमिटेड में 10 शेयर्स की मालकिन हैं। जोगी ने लिखा है कि जब एक सांसद खुद कबूल रहा है कि दूसरे सांसद की पत्नी के उसके कंपनी में शेयर्स हैं। इन शेयरों का उल्लेख चिदम्बरम के चुनावी एफिडेविट में नहीं है तो ऐसे में आयोग को मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करनी चाहिए। जोगी ने अपने पत्र में लिखा है कि जब चिदंबरम एक कंपनी में शेयर्स की जानकारी छुपा सकते हैं तो इसकी प्रखर संभावना है कि वे कई दूसरी कंपनियों में अपने शेयर्स एवं संपत्ति की जानकारी छुपा रहे हों।
इधर जोगी की जाति मामले की सुनवाई बढ़ी अजीत जोगी की जाति पर हाईपावर कमेटी के फैसले के खिलाफ स्टे नहीं मिला। इस मामले में अंतिम सुनवाई 7 को सितंबर होगी। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने अपनी पिछली सुनवाई में जोगी को स्टे देने से मना कर दिया था। जिससे अजीत जोगी की मुश्किलें बढऩे लगी है। वरिष्ठ वकील उपेंद्र नाथ अवस्थी ने जानकारी देते हुए बताया कि अजीत जोगी ने हाईपावर कमेटी के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में जो याचिका लगाई है उसमें नंदकुमार साय और संतकुमार नेताम को पक्षकार नहीं बनाया है। इसे लेकर दोनों ने आवेदन लगाकर उन्हें पक्षकार बनाने की मांग की है। नंदकुमार साय और संतकुमार नेताम की दलील है कि चूंकि वे अजीत जोगी की जाति के मामले में शिकायतकर्ता हैं लिहाज़ा उन्हें पक्षकार बनाया जाए। मालूम हो कि आदिवासी नेता संतकुमार नेताम अजीत जोगी के जाति मामले को लेकर हाईकोर्ट में कैविएट लगाई थी।