आधार को बैंक से जोड़ने के नाम पर हुई खूब ठगी
कुछ साल पहले आधार नंबर को बैंक खाता से लिंक करने के अभियान के दौरान ऑनलाइन ठगी भी खूब हुई। ठगों ने कभी बैंककर्मी बनकर, तो कभी आधार कार्ड बनाने वली कंपनी का कर्मचारी बनकर लोगों को झांसा देते थे। इसके बाद बैंक खाता नंबर, आधार नंबर व एटीएम कार्ड नंबर पूछकर पूरा खाता खाली कर देते थे। इसी तरह के कई मामले पुलिस के पास आ चुके हैं।
जनधन के नाम पर ठगी
इसी तरह जनधन योजना के तहत खाते में पैसा जमा कराने या खाता खुलवाने के नाम पर धोखाधड़ी किया जाता था। सायबर फ्रॉड करने वाले जनधन योजना के तहत पैसा जमा करने के लिए खाता नंबर पूछते थे। खाता नंबर बताते ही उसमें से राशि का आहरण कर लेते थे। जनधन योजना के नाम पर लोग आसानी से उन पर भरोसा कर लेते थे।
6 सौ से ज्यादा केस
अलग-अलग थानों में ऑनलाइन ठगी के 600 से ज्यादा अपराध दर्ज हुए हैं।
बार-बार बदलते हैं तरीका
सायबर फ्रॉड करने वाले बार-बार अपना तरीका बदलते रहते हैं। देशभर में चल रहे राष्ट्रीय योजना या कार्य के नाम पर भी ठगी करते हैं। इसके लिए सीधे ईमेल, मैसेज भेजकर या कॉल करके झांसा दे सकते हैं। इसी तरह ठगों ने कई मोबाइल एप भी बनाए हैं, जिसमें कोरोना और वैक्सीन को लेकर जानकारियों दी जा रही हैं। उसके जरिए भी ठगी की आशंका है।
पुलिस ने किया है अलर्ट
रायपुर एसएसपी अजय यादव ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। शासन की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के तहत कोरोना संक्रमण से बचने वैक्सीन लगेगा। इसकी प्राथमिकता भी शासन तय करेगी। इसकी सारी प्रक्रिया शासकीय विभागों द्वारा होगी। इसके अलावा अन्य क्षेत्र से कोरोना वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन से जुड़ी किसी भी तरह के मैसेज, ईमेल, कॉल या मोबाइल एप पर सीधे भरोसा न करें। यह सायबर फ्रॉड करने वालों की एक चाल हो सकती है। पड़ोसी राज्यों में कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर ठगी के प्रयास की घटनाएं हो चुकी हैं।