बताया जा रहा है कि जेलों के बैरकों और दरवाजों को में लगाए जाने वाले अधिकांश ताले बहुत पुराने हैं। लगातार बारिश और धूप की मार सहते हुए इसमें जंग लग चुका है। कई बार वह अपनी ही चाबी से नहीं खुलता और हल्के झटके में बिना चाबी लगाए ही खुल जाता है। इसे देखते हुए जेल मुख्यालय की तालों की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव भेजर गया था।
लेकिन, अधिकांश के लगातार उपयोग और मौसम की मार के कारण जंग लग चुका है। बता दें कि राज्य में कुल 33 जेल हैं। इसमें 5 केंद्रीय कारागार, 12 जिला और 16 उपजेल हैं। यहां बनाए गए बैरक और दरवाजों की संख्या को देखते हुए केंद्रीय जेल में करीब 150 और जिला एवं उपजेल में 100 तालों की जरूरत पड़ेगी।