पर्यावरण संरक्षण मंडल यह जानने का प्रयास कर रहा है कि राखड बांध में पर्यावरण के मानकों को पूरा किया जा रहा है। यानी बांध से राखड़ उड़ रही है या नहीं, बांध का गंदा पानी आसपास के इलाकों तक पहुंच रहा है या नहीं। या पर्यावरण पर क्या नुकसान पड़ रहा है? पर्यावरण विभाग के सूत्रों ने बताया कि अधिकांश कंपनियों के राखड़ डेम में सरकारी गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। राखड़ उडऩे से रोकने के लिए प्रभावी व्यवस्था नहीं की गई है।
जांच टीम में माइनिंग विभाग को भी शामिल किया गया है। माइनिंग विभाग राखड़ बांध में उपयोग की गई गिट्टी, मिट्टी और रेत के अलाव अन्य निर्माण सामग्री का आंकलन कर रहा है। इस कार्य में मदद के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के इंजीनियर की भी मदद ली जा रही है। इसके अलावा उद्योग विभाग के अधिकारियों को भी टीम में शामिल किया गया है।
– निजी और सार्वजनिक सभी कंपनियों के राखड़ बांध की जांच चल रही है। इसके लिए संयुक्त टीम बनाई गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
– एस नाग, उप संचालक, खनिज
– एस नाग, उप संचालक, खनिज