scriptआरटीई के भुगतान में कमीशनखोरी का लगा आरोप, जिम्मेदारों ने बदली भुगतान की प्रक्रिया | Allegations of commissioning in the payment of RTE | Patrika News

आरटीई के भुगतान में कमीशनखोरी का लगा आरोप, जिम्मेदारों ने बदली भुगतान की प्रक्रिया

locationरायपुरPublished: Nov 09, 2020 06:54:01 pm

Submitted by:

CG Desk

– स्कूल संचालकों ने विभागीय अधिकारियों को दी लिखित शिकायत .- मामले में जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने का मिला आश्वासन .

rte.jpg
रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर कमीशनखोरी करने का आरोप निजी स्कूलों के संचालकों ने लगाया है। प्रदेश के स्कूल संचालकों का कहना है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) का भुगतान जब भी विभाग से होता है, तब वहां बैठे अधिकारी/कर्मचारी पैसा जारी करने के नाम पर कमीशन मांगते हैं।
कमीशन लेने का आरोप जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों पर लगा है। स्कूल संचालकों की शिकायत पर अब स्कूल शिक्षा विभाग के जिम्मेदार आरटीई भुगतान की प्रक्रिया को बदलने की तैयारी कर रहे है। लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय से अब प्रदेश के स्कूलों को आरटीई भुगतान होगा। विभागीय अधिकारियों ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
केंद्र से जारी होता है फंड
आरटीई का पैसा योजना के तहत केंद्र से जारी होता है। केंद्र से पैसा संचालनालय को अलॉट होता है। संचालनालय से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को पैसा अलॉट होता है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से पैसा स्कूल संचालकों को अलॉट होता है। शिकायत मिलने के बाद संचालनालय ने सभी स्कूलांे से बैंक डिटेल और छात्रों की जानकारी मंगाई है। इस जानकारी को कम्प्यूटराइज्ड अपडेट करके अब संचालनालय से एक क्लिक में पैसा जारी कर दिया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी भूमिका को इस योजना से अब बाहर कर दिया गया है।
९ हजार स्कूल है प्रदेश में
प्रदेश के निजी स्कूलों का प्रतिनिधत्व करने वाले छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव मोती जैन ने बताया, कि प्रदेश में ९ हजार निजी स्कूल है। इन स्कूलों के संचालकों से अधिकांशता जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी द्वारा फंड रीलिज करने के नाम पर पैसे मांगने की शिकायत मिलती है। कई बार संचालक अपने स्तर पर मामला सुलझा लेते है, तो कई बार फंड लेने के लिए पैसा देना पड़ता है। कोरोना काल से पूर्व स्कूल संचालक इस अव्यवस्था के साथ काम चला रहे थे, लेकिन कोरोना काल में पैसे की जरूरत को देखते हुए स्थिति सुधारने की मांग स्कूल शिक्षा मंत्री और संचालक से मुलाकात के दौरान की थी। मंत्री और संचालक ने मांग को देखते हुए स्थिति सुधारने का आश्वासन दिया था।
प्रदेश के स्कूलों की आरटीई राशि भुगतान के दौरान जिला कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा कमीशन मांगा जाता है। यह शिकायत एसोसिएशन के सदस्यों ने बताई थी। सदस्यों की मांग पर मंत्री और लोक शिक्षण संचालनालय में मामलें की जानकारी को अवगत कराया था। आश्वासन मिला था, कि व्यवस्था में सुधार होगा। अब यदि फंड सीधे संचालनालय से जारी हो रहा है, तो यह व्यवस्था सुधारने के संकेत है।
राजीव गुप्ता,अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन
आरटीई का पैसा अब सीधे संचालनालय से भुगतान किया जाएगा। हमने स्कूलों के अकाउंट डिटेल की जानकारी मंगाई है। जानकारी कंप्यूटर में अपडेट होते ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
जितेंद्र शुक्ला, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो