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Amazon – Google को चिट्ठी का असर नहीं, पुलिस को अब तक नहीं मिला जवाब

locationरायपुरPublished: Nov 30, 2020 11:38:25 pm

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CG Desk

– न थमी चाकूबाजी और न रूकी ऑनलाइन ठगी .- चाकूबाजी और ठगी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने कंपनियों को लिखी थी चिट्ठी .
 

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रायपुर . राजधानी में हो रही चाकूबाजी और ऑनलाइन ठगी की घटनाओं में अमेजान और गूगल जैसी मल्टीलेवल कंपनियों का भी अप्रत्यक्ष रूप से योगदान है। इसे देखते हुए पुलिस ने दोनों कंपनियों के जिम्मेदारों को पत्र लिखा था, लेकिन इन पत्रों का अब तक जवाब नहीं मिला है। इससे तय है कि पुलिस ने अपने पत्रों के जरिए जिन बिंदुओं को लेकर चिंता जताई थी, उन पर उन्होंने ध्यान नहीं दिया है। दरअसल पुलिस का दावा है कि चाकूबाजी की घटनाओं में बदमाशों द्वारा इस्तेमाल होने वाले बटनदार चाकू अमेजन जैसे ऑनलाइन कंपनियों से मंगाई जा रही है। इसलिए पुलिस ने कंपनी का पत्र लिखते हुए चाकू की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन इसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है। दरअसल कंपनियों को पत्र लिखना खानापूर्ति साबित हो रहा है। अब तक इसमें कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है।
गूगल से भी नहीं मिला जवाब
चाकूबाजी की तरह ऑनलाइन ठगी की घटनाओं में भी गूगल सर्च इंजन का नाम सामने आया है। इसमें कई ठगों ने नामी कंपनियों के कस्टमर केयर के नाम पर अपना मोबाइल नंबर अपलोड कर दिया है। लोग जब किसी कंपनी के कस्टमर केयर का नंबर ढूंढते हैं, तो कस्टमर केयर के नाम पर ठगों का नंबर मिल जाता है। और वे ठगी का शिकार होते हैं। करीब दो साल पहले भी पुलिस ने इसी तरह पत्र भेजकर गूगल के सर्च इंजन से एेसे नंबर हटाने की मांग की थी, लेकिन उसमें भी कुछ नहीं हुआ। और उसी ढंग से ऑनलाइन ठगी का सिलसिला जारी है।
कस्टमर का रिकार्ड रखती है कंपनियां
ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों के पास पर्चेस आर्डर करने वाले ग्राहक की पूरी जानकारी होती है। अगर अमेजन से कोई बटनदार चाकू या अन्य उत्पाद मंगवा रहा है, तो उसका फोन नंबर और एड्रेस कंपनी के पास पहुंच जाता है। और उसी आधार पर सामान की डिलीवरी होती है। पुलिस अगर कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कंपनी पर दबाव डालेगी, तो रायपुर में चाकू मंगवाने वालों का आसानी से पता चल सकता है और उन्हीं नाम, पते और मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस चाकू मंगाने वालों को पकड़ सकती है।
रायपुर में बिक रहा चाकू
शहर के कई इलाके जहां चाकू आसानी से बिक रहे हैं। कई कारोबारी भी ऑनलाइन चाकू मंगाकर महंगे दामों में बेच रहे हैं। पुलिस उन दुकानदारों को ढूंढ नहीं पा रही है। पिछले तीन-चार सालों से चाकूबाजी की घटनाओं में स्टाइलिश चाकू का उपयोग हो रहा है। ये चाकू काफी धारदार और गहरे घाव करने वाले होते हैं और आकार में भी छोटे होते हैं। इस तरह के अधिकांश चाकू ऑनलाइन प्लेटफार्म उपलब्ध हैं।
ऑनलाइन चाकू बेचने वाली कंपनियों को पत्र लिखा गया है। इसका जवाब नहीं मिला है। जल्द ही कंपनी के स्थानीय अधिकारियों से चर्चा कर इस पर रोक लगाने की मांग की जाएगी। चाकू खरीदने वालों की जानकारी भी मांगी जाएगी।
-लखन पटले, एएसपी-शहर, रायपुर

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