प्रबंधन ने शासकीय सेटअप में खामियां होने पर पीपीपी मोड पर इसके संचालन की मंशा तो जाहिर की है, जबकि इसके लिए अबतक जिम्मेदारी भी तय नहीं हो पाई है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी ने बताया कि इस मशीन के २५ सितंबर तक आने की संभावना है, जिसके लिए भवन निर्माण की व्यवस्था बनाने पीडब्लूडी को फंड जारी कर दिया गया है। एेसे में एक छत के नीचे कैंसर के मरीजों का समुचित इलाज करने की मंशा मशीन के आने के बावजूद भी पूरी नहीं होती दिखाई दे रही है। वहीं, अधिकारियों के मुताबिक मरीजों के लिए इसे पूर्ण रूप से तैयार होने में तीन माह का समय लगने की आशंका जताई जा रही है।