scriptडॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर आंबेडकर प्रबंधन ने साधी चुप्पी | Ambedkar management kept silent on the action on the doctor | Patrika News

डॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर आंबेडकर प्रबंधन ने साधी चुप्पी

locationरायपुरPublished: Oct 21, 2019 11:19:05 am

Submitted by:

abhishek rai

पीडि़ता ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत कर डॉक्टर के खिलाफ आंबेडकर अस्पताल पुलिस चौकी में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई। गर्भवती महिला के पति अरविंद यादव ने बताया कि विवाद के बाद वे पत्नी को लेकर घर आ गए।

डॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर आंबेडकर प्रबंधन ने साधी चुप्पी

डॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर आंबेडकर प्रबंधन ने साधी चुप्पी

रायपुर. आंबेडकर अस्पताल में बीपी बढऩे और प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिला को प्रसूति वार्ड के लेबर रूम में थप्पड़ जडऩे तथा गलियारे में दुव्र्यवहार करने वाली डॉक्टर के खिलाफ २ दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस भी जांच की बात कहकर चुप्पी साधे हुए है। दरअसल, मामला यह है कि पंडरी निवासी गर्भवती भानु यादव को लेकर दो मितानिन राजतालाब स्थित पीएचसी पहुंची थी। वहां से डॉक्टरों ने आंबेडकर अस्पताल रेफर कर दिया। बीपी बढऩे और प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती को आंबेडकर अस्पताल के प्रसूति वार्ड में भर्ती किया गया था। पेन बढऩे की वजह से गर्भवती को लेबर रूम में देखने डॉक्टर पहुंची थी। पीडि़ता ने बताया कि डॉक्टर ने पहुंचते ही पूछा कि चौथी डिलीवरी है, कितने बच्चे पैदा करती हो? दर्द बढऩे की वजह से उसने कहा कि मेरी मर्जी। यह बात सुनते ही डॉक्टर ने लेबर रूम में ही दो थप्पड़ जड़ दिए। थप्पड़ मारने पर वही लेबर रूम से डिलीवरी न कराने की बात कहकर बाहर आ गई। बाहर भी डॉक्टर ने उसके साथ दुव्र्यवहार किया। मितानिन ने इसे गलत कहा तो डॉक्टर फिर से हलावर हो गई। घटनास्थल पर मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने किसी तरह डॉक्टर के गुस्से को शांत कराकर घटना का पटाक्षेप कराया। पीडि़ता ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत कर डॉक्टर के खिलाफ आंबेडकर अस्पताल पुलिस चौकी में प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई। गर्भवती महिला के पति अरविंद यादव ने बताया कि विवाद के बाद वे पत्नी को लेकर घर आ गए। उनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है, इसलिए सरकारी अस्पताल में डिलेवरी कराना चाह रहे थे।
विडियो वॉयरल, स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर भी मौन
यदि जूनियर, सीनियर अथवा विशेषज्ञ डॉक्टर से दुव्र्यवहार का मामला सामने आता है तो डॉक्टरों का एसोसिएशन समेत स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी भी दोषी पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर देते हैं। लेकिन, गर्भवती से डॉक्टर की बदसलूकी की घटना पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं। गर्भवती से दुव्र्यवहार करने का वीडियो भी वॉयर हो गया है फिर भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने कार्रवाई के लिए कुछ भी दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है, जबकि वीडियो में सिर्फ डॉक्टर ही कूद-कूदकर हाथापाई करती दिख रही है। मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अनिल जैन ने कहा कि इतनी छोटी वीडियो को देखकर मैं कुछ नहीं कह सकता। मामले की पूरी जानकारी होने पर कुछ कह सकता हूं। वहीं, सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि ऐसी संवेदनशील जगह पर वीडियो बनाना गलत है। परिजनों ने कुछ कहा होगा, जिससे हाथापाई की नौबत आई होगी।
गर्भवती के साथ डॉक्टर द्वारा ऐसा व्यवहार करना काफी निंदनीय है। ऐसे डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि दूसरे डॉक्टरों को भी सबक मिल सके। एम्स में ऐसी घटना होती तो अब तक डॉक्टर को बाहर किया जा चुका होता।
डॉ. करन पिपरे, अधीक्षक, एम्स, रायपुर
मैं, डॉक्टर पर मेडिकल कॉलेज की कार्रवाई के बाद ही कुछ कर सकता हूं। वैसे मामले की जांच कराई जा रही है।
डॉ. विवेक चौधरी, अधीक्षक, आंबेडकर अस्पताल, रायपुर

मामले की जांच की जा रही है। छुट्टी होने की वजह से आंबेडकर के महिला डॉक्टर से पूछताछ नहीं हो पाई है।
यदुमणि सिदार, टीआई, मौदहापारा, रायपुर

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