इसका प्रयोग रोगियों को अस्पताल के अंदर एक से दूसरे स्थान तक ले जाने के दौरान या रोगी को एंबुलेंस से लाने के दौरान किया जा सकता है। उन्होंने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इन वेंटिलेटर्स को बहु-उपयोगी बताया। उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नितिन कुमार बोरकर ने बताया कि एम्स में 73 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग कोविड-19 वार्ड में, विभिन्न विभागों के वार्डों में और इमरजेंसी में किया जा रहा है। नए पोर्टेबल वेंटीलेटर आ जाने से एम्स की गंभीर रोगियों का इलाज करने की क्षमता और अधिक बढ़ जाएगी।
यूएस-एड द्वारा प्रदान किए गए यह 10 वेंटिलेटर उन वेंटीलेटर्स का भाग हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई संयुक्त वार्ता के दौरान भारत को देने का वायदा किया था। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद के लिए 100 वेंटिलेटर्सं की पहली खेप आ गई है, जिसमें से 10 अपने एम्स को मिला है। ज्ञातव्य हो कि भारत ने अमेरिका में कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियां भेजी थी।
पल्स रेट रीडिंग में होगी आसानी
जेडओएलएल कंपनी के वेंटीलेटर, पोर्टेबल वेंटिलेटर में बेहतरीन माने जाते हैं। इसकी मदद से चिकित्सक आक्सीजीनेशन और ट्रीटमेंट को आसानी के साथ प्रारंभ कर सकते हैं। इसमें स्मार्ट टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है, जिससे पल्स रेट रीडिंग में आसानी होती है। इसे 720 घंटे तक आसानी के साथ प्रयोग किया जा सकता है।