पांडे ने कहा की जो मजदूर बस कर यहां छत्तीसगढ़ के अंदर हैं उनकी जांच कहीं पर भी नहीं हुई। 15 मजदूर सिर्फ दशहरा मैदान पर रुके रहे और बाकी मजदूर अपने-अपने घर की ओर रवाना हो गए। यह मजदूर कैसे आए, कहां से आए, शासन-प्रशासन के पास कोई भी जवाब नहीं है।
पांडे ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि मैं नंबर वन का मुख्यमंत्री हूं। दूसरी तरफ क्वारंटाइन सेंटर पर एक बोरिंग के भरोसे डेढ़ सौ दो सौ लोग स्कूल में और अलग-अलग जगह रुके हुए हैं। न उनको शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो रही है, शुद्ध भोजन की व्यवस्था हो रही है और एक या दो शौचालय में वह अपना काम चला रहे हैं। प्रदेश सरकार बिना किसी व्यवस्था के मजदूरों को छत्तीसगढ़ प्रदेश में ले तो आई पर मजदूरों की स्थिति बहुत ज्यादा खराब है।
पांडे ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के द्वारा न्याय योजना के तहत किसानों को चार किस्त भुगतान किया गया है और बैंक के सामने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते सैकड़ों किसान को अपने खाते से पैसे निकालते आप देख सकते हैं। यह कैसे प्रदेश की व्यवस्था है यह कैसे प्रदेश के मुखिया हैं यह क्या चाहते हैं दिन प्रतिदिन छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव के मरीज बड़ी संख्या में बढ़ते जा रहे हैं और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के द्वारा सिर्फ और सिर्फ अपने हाथ से अपने पीठ को थप थपपाने का कार्य किया जा रहा है ।