गौरतलब है कि हाईकोर्ट बिलासपुर के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली डिविजन बेंच ने अंजलि जैन को अपनी पसंद की जगह और व्यक्ति के साथ रहने की छूट दी है। पिता और पति में से किसके साथ रहना है, यह अब अंजलि को तय करना है। कोर्ट के आदेश के बाद कलेक्टर डॉ.एस भारतीदासन ने सखी वन स्टॉप सेंटर बैरन बाजार रायपुर के 200 मीटर की परिधि में धारा 144 लगा दिया है। इससे सखी वन स्टाप सेंटर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच अंजलि के पति उसे लेने के लिए पहुंचे थे। जहां अंजलि के पिता के वकील ने पहुंचकर उनके पक्षकारों को दिल्ली में होने के वजह से सूचना नहीं मिलने और उनके लौटने के बाद ही न्यायालय के आदेश पर अग्रिम कार्यवाही करने की फरियाद की गई। इसके चलते अंजलि की सखी सेंटर से विदाई नहीं हो पायी है। जब अंजलि को पता चला कि आज उसकी होने वाली बिदाई नहीं हो पा रही है तो वह दौड़कर सखी वन स्टाप सेंटर से भागकर अपने पति इब्राहिम के पास पहुंची और लिपटकर रोने लगी। पुलिस बल उसे सुरक्षित वापस भीतर ले गई।
यह है पूरा मामला
करीब 20 महीने पहले अंजलि जैन और इब्राहिम ने आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह किया था। अंजलि के परिजनों ने इस लव जिहाद बातते हुए जमकर विरोध किया। जिसके कारण यह मामला स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गया। इस विवाह और इब्राहिम के खिलाफ अंजलि के परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट और कोर्ट में केस दर्ज कराया था। अंजलि और इब्राहिम का आरोप है कि उन्हें इस विवाह के बाद तमाम तरीकों से धमकाया गया और जान से मारने की धमकी भी दी गई। अंजलि और इब्राहिम की मदद कर रही अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला पर रायपुर के सखी केंद्र में मारपीट की गई, जिसकी पुलिस में शिकायत भी की गई। अंजलि को हाईकोर्ट के आदेश पर इस सखी सेंटर में रखा गया था। इसके पहले इब्राहिम ने अपनी पत्नी अंजलि को साथ रखने के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी। इधर, अंजलि के पिता अपनी पुत्री को सुनियोजित ढंग से प्रेमजाल में फंसाकर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत तक दरवाजा खटखटा चुके हैं।
प्रकरण की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पहले उसे बिलासपुर के गर्ल्स हॉस्टल में रखने का आदेश जारी किया था। आरोप है कि यहां से अंजलि के पिता उसे बिना किसी अदालती और पुलिस के आदेश के अपने साथ ले गये थे।इसके बाद इब्राहिम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके पत्नी को उनके परिजनों द्वारा जबरन ले जाने का आरोप लगाया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अंजलि को दोबारा हाईकोर्ट में पेश किया गया। तब अंजलि ने अपने माता-पिता के साथ रहने से इनकार कर दिया था। अंजलि के खुलासे के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे रायपुर के सखी सेंटर में भेज दिया गया था। न्यायालय के नए आदेश से एक बार फिर यह मामला चर्चा में आया है।
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