10 किलोमीटर चलना पड़ता है पैदल
वीडियो सामने आने के बाद एएनएम कार्यकर्ताओं की हर ओर चर्चा हो रही है। वीडियो के संबंध में बलरामपुर के डीसी कुंदन कुमार ने बताया कि, यहां का झलवासा गांव सबसे दूर बसा हुआ है. यहां जाने के लिए करीब 10 किमी पहाड़ों व जंगलों से गुजरना पड़ता है.
उन्होंने बताया कि यहां लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए हम कैंप लगा रहे हैं. हमारी दो एएनएम हल्मी और सुचिता सिंह लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि ये कार्यकर्ता घने जंगलों में जाकर लोगों का इलाज कर रही हैं. कैंप के दौरान लोगों के बीपी, शुगर, समेत अन्य स्वास्थ्य जांच की गई। ज्यादातर ठीक पाए गए.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने की आशा कार्यकर्ताओं की तारीफ
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ने कहा आशा स्वयंसेवियों ने मातृत्व सेवा और बच्चों के लिए टीकाकरण के क्षेत्र में भी अहम काम किया है. इसके अलावा उन्होंने भारत में सामुदायिक हेल्थकेयर को बेहतर करने में, तनाव और टीबी के लिए इलाज और पोषण के साथ साफ-सफाई व स्वस्थ जीवन को लेकर भी उल्लेखनीय योगदान दिया है.
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया, असमानता, विवाद, खाद्य असुरक्षा, जलवायु संकट और एक वैश्विक महामारी का सामना कर रही है, यह अवार्ड उन लोगों के कार्यों को पहचान देता है जिन्होंने दुनियाभर में स्वास्थ्य की सुरक्षा और इसे बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह अवार्ड निस्वार्थ सेवा को समर्पित है.