सौंपा बंद लिफाफा
एसआइटी कार्यालय से निकलते समय कांग्रेस नेता गिरिश देवांगन ने एसपी और एसआइटी प्रभारी नीतु कमल को एक बंद लिफाफा दिया। सूत्रों का कहना है कि इसमें अंतागढ़ टेप कांड से जुड़ा कोई दस्तावेज है। हालांकि एसपी नीतु कमल और गिरीश देवांगन दोनों इस बारे में कुछ भी नहीं बता रहे हैं।
नेता भी पहुंच गए
गिरीश देवांगन के साथ एसआइटी कार्यालय में पूछताछ की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस नेता महेंद्र छाबड़ा भी गंज थाने पहुंच गए। उन्होंने गिरीश देवांगन के पास भीतर जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। पूछताछ पूरी होने तक छाबड़ा एसआइटी कार्यालय के बाहर खड़े रहे।
प्रदेश के बड़े राजनीतिक कांड में शुमार है मामला
अंतागढ़ टेप कांड प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक कांडों में शुमार है। अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए 2014 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मंतूराम पंवार ने नाम वापसी के अंतिम दिन नाम वापस लेकर भाजपा की जीत तय कर दी थी। कांग्रेस ने भाजपा पर प्रत्याशी खरीदने का आरोप लगाया। बाद में एक टेप सार्वजनिक हुआ जिसमें कथित रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके पुत्र अमित जोगी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता मंतूराम को चुनाव से हटाने की बात कर रहे थे। इस टेप के बाद कांग्रेस ने अमित जोगी को पार्टी से निष्कासित कर दिया। अजीत जोगी को बाहर निकलना पड़ा। हालांकि शिकायतों के बाद भी पूर्ववर्ती सरकार ने इसकी जांच नहीं कराई। दो सप्ताह पहले कांग्रेस की सरकार ने मामले की जांच के लिए रायपुर एसपी के नेतृत्व में एक एसआइटी बना दिया।