माओवादियों की तस्वीरों के पोस्टर
नए अभियान में पुलिस (chhattisgarh police) बैनर-पोस्टर के अलावा दीवार लेखन और पम्फलेट भी बांट रही है। इन प्रचार सामग्रियों में माओवादियों की ओर से ग्रामीणों पर की गई कार्रवाई और घटनाओं का विवरण है। माओवादियों से दूर रहने और सरकार का साथ देने की अपील है। वहीं कुछ सामग्रियों पर माओवादियों की तस्वीरों के साथ उनपर रखे इनाम की जानकारी लिखी है। इस प्रचार अभियान में पुलिस एहतियात भी बरत रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक पिछले अनुभव बताते हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में जिन लोगों के घरों अथवा दुकानों पर सरकारी प्रचार सामग्री टंगी थी, उन्हें माओवादियों की ओर से प्रताडऩा झेलनी पड़ी। ऐसे में पुलिस गांव के सार्वजनिक स्थानों, सरकारी भवनों और पेड़ों पर ऐसी प्रचार सामग्री का इस्तेमाल कर रही है।माओवादियों का आक्रामक अभियान
बस्तर (Bastar) में माओवादियों का प्रचार अभियान काफी आक्रामक है। चुनाव के दौरान इसमें अधिक तेजी आती है। विधानसभा (cg vidhan sabha) और लोकसभा चुनावों (Loksabha Elections) के दौरान भाकपा-माओवादी ने चुनाव बहिष्कार की बात कही थी। कई नारों में भाजपा (BJP) का बहिष्कार करने की बात थी।
मानसून सत्र में उठाया था मामला
विधानसभा के मानसून सत्र (monsoon session) में भाजपा विधायकों ने दंतेवाड़ा के दिवंगत विधायक भीमा मंडावी (Bhima Mandavi) के गांव गदापाल की दीवारों पर भी ऐसे धमकी भरे नारों का मामला उठाया था। विधायक (MLA) शिवरतन शर्मा ने ऐसे एक नारे का फोटो भी विधानसभा के पटल पर रखा। विधायकों का कहना था कि पुलिस उन नारों को मिटा भी नहीं पाई थी।सार्वजनिक स्थलों पर लगाए पोस्टर
नक्सल ऑपरेशन (naxal operation) के डीआईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि माओवादियों की करतूतों को सामने लाने के लिए अंदरूनी इलाकों में पोस्टर-बैनर और स्लोगन (slogan) लिखे गए हैं। इसे सार्वजिक स्थानों पर लगाया गया है।